आईजीपी विजय कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस युवाओं को हथियार उठाने से रोकने में काफी हद तक सफल रही है। हम आतंकवाद में स्थानीय युवाओं की भर्ती को रोकने के लिए बहुआयामी मोर्चों पर काम कर रहे हैं। इस कार्य में माता-पिता का समर्थन महत्वपूर्ण है। बड़ी संख्या में युवाओं को वापस लाने में माता-पिता की अहम भूमिका रही है। इसके अलावा हम तकनीकी निगरानी के माध्यम से नई भर्तियों पर भी नज़र रख रहे हैं और उन्हें वापस ला रहे हैं।
आईजीपी ने कहा कि जो लोग युवाओं को आतंकवाद के प्रति प्रेरित करने वालों को पीएसए के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलवामा मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की पहचान साकिब और आबिद के रूप में हुई है। यह दोनों 13 मई को पुलवामा के गुडुरा में पुलिस कांस्टेबल रियाज अहमद की हत्या में शामिल थे।
साभार-हिस
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