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झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह कल

  • शिक्षा राज्य मंत्री देंगी दीक्षांत भाषण

रांची. झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह का आयोजन चेरी-मनातू स्थित विश्वविद्यालय के स्थायी परिसर में कल दिनांक 6 मई 2022 को दोपहर बाद 2:30 से किया जाएगा । समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भारत सरकार की शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी उपस्थित रहेंगी और दीक्षांत भाषण देंगी। इस दौरान वर्ष 2020 से अब तक के कुल 761 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जाएंगी। इनमें कुल 29 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और एक विद्यार्थी को कुलाधिपति पदक से सम्मानित किया जाएगा और 30 शोध विद्यार्थियों डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करेंगे। इस बार गणित विभाग की स्वर्ण पदक विजेता प्रतीशा मिश्रा को कुलाधिपति पदक से सम्मानित किया जायेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम हेतु ड्रेस कोड भी सुनिश्चित किया है जिसमें स्नातक एवं स्नातकोत्तर के डिग्री धारकों में लड़कियों के लिए आसमानी रंग की साड़ी या सलवार कमीज़ और लड़कों के लिए आसमानी शर्ट और डार्क पैंट को तय किया गया है। वहीं पीएचडी डिग्री धारकों में लड़कियों के लिए सफ़ेद साड़ी या सलवार कमीज़ और कोरल रंग की बंडी और लड़कों के लिए सफ़ेद शर्ट, डार्क पैंट और कोरल रंग की बंडी को तय किया गया है। सभी डिग्री धारकों को विश्वविद्यालय द्वारा सूती के बने दीक्षांत उत्तरीय उपलब्ध कराये जाएंगे।
समारोह में केवल अकादमिक सदस्यों, उपाधि प्राप्तकर्ताओं, उनके परिजनों एवं मीडियाकर्मियों को प्रवेश करने की अनुमति है। अन्य इच्छुक व्यक्ति दीक्षांत समारोह की कार्यवाही को विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं। इस यूट्यूब चैनल का लिंक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना 13 साल पहले सन् 2009 में की गयी थी। इस अन्तराल के दौरान विश्वविद्यालय ने अनेक अकादमिक उपलब्धियां अर्जित की हैं। प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन कोरोना काल से पहले फरवरी, 2020 में किया गया था। वर्तमान में विश्वविद्यालय चेरी-मनातू स्थित अपने स्थायी परिसर में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में है। झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं भविष्य की योजनाओं के बारे में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।
विश्वविद्यालय की उपलब्धियां
झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने सभी डिग्रीधारियों को बधाई देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं। प्रो. दास ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि वैश्विक महामारी के बावजूद विश्वविद्यालय ने निरंतर ऑनलाइन कक्षाएँ संचालित की। सभी विभागों द्वारा समय- समय पर वेबिनार का आयोजन किया गया जिससे विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञों से बातचीत करने का मौका मिला।
कुलपति प्रो. दास ने बताया कि विश्वविद्यालय ने अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से विभिन्न क्षेत्रों में समझौता किया है जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा। उन्होने बताया कि विश्वविद्यालय निरंतर शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन कर रहा है। पर्यावरण विज्ञान केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. भास्कर सिंह को एल्सेवीर द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों में शामिल किया गया है । प्रो. ए.सी. पाण्डेय को पर्यावरण और समाज कल्याण सोसाइटी एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, जूलोजीकल सर्वे ऑफ इंडिया, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यावरणविद पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा डॉ. पूरबी सैकिया को प्रो. एच.एस. श्रीवास्तव फ़ाउंडेशन फॉर साइन्स एंड सोसाइटी, लखनऊ द्वारा पीएचएसएस फ़ाउंडेशन यंग वुमेन लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया है । डॉ. अभिषेक गुलधे को रामलिंगस्वामी रीएंट्री फ़ेलोशिप से सम्मानित किया गया है ।
शोध के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय का प्रदर्शन शानदार रहा है। शिक्षकों द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्रों का प्रकाशन और कई अनुसंधान परियोजनाओं पर निरंतर कार्य किया जा रहा है । कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय सूचना एवं प्रोद्योगिकी के माध्यम से इंटरैक्टिव प्रारूप के जरिये छात्र-केन्द्रित शिक्षा को बढ़ावा देता है। इसके लिए SWAYAM, डीटीएच एवं स्वयंप्रभा प्लेटफोर्म का उपयोग किया जा रहा है। पुस्तकालय छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए JSTOR, स्प्रिंगर लिंक, टेलर एंड फ्रांसिस, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, अमेरिकन केमिकल सोसाइटी, अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ फ़िज़िक्स, इकनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली जैसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं की रिमोट एक्सेस सुविधा के साथ ओपन लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन भी पूरी गंभीरता से कर रहा है। विश्वविद्यालय की उन्नयन नामक परियोजना इसका एक शानदार उदाहरण है। उन्नयन के माध्यम से विश्वविद्यालय के छात्र एवं शिक्षक आसपास के गाँव में रहने वाले बच्चों को शिक्षित करने में अपना योगदान दे रहे हैं । विश्वविद्यालय की एन.एस.एस. इकाई ने स्थायी परिसर के आसपास के पाँच गाँवों को गोद लिया है और वहाँ समय-समय पर सामाजिक विकास से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। एनसीसी के माध्यम से विश्वविद्यालय स्थानीय सेना एवं अर्धसैनिक बलों से भी जुड़ा हुआ है। प्रो. दास ने बताया कि आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय आठ नए विभाग शुरू करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा कुछ महीनों में सभी विभाग एवं छात्रावास स्थायी परिसर में स्थानांतरित कर दिये जाएंगे।

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