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आकार पटेल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस वापस लेने के आदेश पर सेशंस कोर्ट ने रोक लगाई

  •  कोर्ट की अनुमति के बिना देश के बाहर नहीं जा सकेंगे, अगली सुनवाई 12 अप्रैल को

नई दिल्ली, दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट की सेशंस कोर्ट ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस वापस लेने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दिया है। स्पेशल जज संतोष स्नेही मान ने आकार पटेल को कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़ने से मना कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
सीबीआई ने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के लुकआउट सर्कुलर नोटिस वापस करने के खिलाफ सेशंस कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। सुनवाई के दौरान आकार पटेल की ओर से वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा कि आकार पटेल को कल रात फिर विदेश जाने से रोका गया। ये कोर्ट के आदेश के बावजूद किया गया। उन्होंने कहा कि जिस समय कोर्ट लुकआउट सर्कुलर नोटिस वापस लेने का आदेश जारी कर रही थी उस समय जांच अधिकारी हिमांशु बहुगुणा भी कोर्ट में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद जब वो कल रात में फ्लाईट पकड़ने गए तो उन्हें उसी लुकआउट सर्कुलर नोटिस के आधार पर रोक दिया गया। यहां तक कि जांच अधिकारी ने अपना फोन भी स्विच ऑफ कर लिया। जांच अधिकारी का यह रवैया मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वकील निखिल गोयल ने कहा कि एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट का आदेश सही नहीं है। इस आदेश में कुछ ऐसे दिशानिर्देश जारी किए गए जिसका केस से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि आकार पटेल के खिलाफ एक केस गुजरात में चल रहा है जबकि दूसरा केस बेंगलुरु में। तब कोर्ट ने पूछा कि आपकी पहली दलील है कि लुकआउट सर्कुलर वापस लेने का आदेश सही नहीं है और दूसरा कि कोर्ट ने सीबीआई को लेकर जो कहा है वो गलत है। गोयल ने सुमेर सिंह सलकान के फैसले का हवाला दिया।
गोयल ने कहा कि चार्जशीट 31 दिसंबर को दाखिल की गई थी। उसी दिन लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था। एफसीआर के प्रावधान के तहत चार्जशीट दाखिल किया गया है । जांच के दौरान कोई लुकआउट सर्कुलर जारी नहीं किया गया था। ऐसे में ये कहना सही नहीं है कि लुकआउट सर्कुलर जारी करने में कोई पक्षपात किया गया है। इसके अलावा कोर्ट ने जो अवलोकन किया है वो नहीं होना चाहिए था।

एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने 7 अप्रैल को सीबीआई के निदेशक को निर्देश दिया था कि पटेल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने में अधीनस्थ अधिकारियों ने गलती की है और इसलिए सीबीआई निदेशक इसका हवाला देते हुए लिखित रुप से माफी मांगें। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि लुकआउट सर्कुलर जारी करने के अधिकार का मनमाना तरीके से उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसके पीछे कोई ठोस वजह होनी चाहिए। कोर्ट ने सीबीआई निदेशक से उम्मीद जताई कि वो उन अधीनस्थ अधिकारियों के इसके लिए संवेदनशील बनाएं जिन्होंने लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। साथ ही उन अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने अपने नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है। इसके लिए वे सक्षम अदालत में जा सकते हैं।
पटेल के खिलाफ सूरत की निचली अदालत में एक भाजपा विधायक पूर्णेशभाई ईश्वरभाई मोदी ने शिकायत कर रखी है। 19 फरवरी को सूरत की कोर्ट ने आकार पटेल को विदेश जाने की इजाजत देते हुए पासपोर्ट देने का आदेश दिया था। सीबीआई ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के खिलाफ एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर आकर पटेल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस जारी किया था।
साभार-हिस

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