Home / National / उप्र, पंजाब और उत्तराखंड के कांग्रेस उम्मीदवारों को संभालने के लिए राजस्थान तैयार
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

उप्र, पंजाब और उत्तराखंड के कांग्रेस उम्मीदवारों को संभालने के लिए राजस्थान तैयार

जयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली दौरे के दौरान राहुल गांधी के आवास पर खास रणनीति बनी है। पांच राज्यों में दस मार्च को चुनाव परिणाम से पहले उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के कांग्रेस प्रत्याशी सरकार गठन को लेकर होने वाली तोड़फोड़ से बचने के लिए राजधानी जयपुर पहुंच सकते हैं। इन्हें जयपुर के लग्जरी होटलों में ठहराया जाएगा।

पांच राज्यों के चुनाव परिणाम दस मार्च को आएंगे। कांग्रेस की पंजाब व उत्तराखंड पर उम्मीद टिकी हुई है लेकिन जैसे-जैसे परिणाम का दिन नजदीक आ रहा है, कांग्रेस सहित सभी दलों के नेताओं की धड़कनें बढ़ रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोमवार को जयपुर आई हैं। वैसे तो प्रियंका गांधी 8 मार्च को महिला दिवस पर होने वाली मैराथन रेस को हरी झंडी दिखाएंगी। इसके बावजूद उनके जयपुर आने के पीछे असली प्रयोजन को लेकर चर्चा गर्म है। इस यात्रा को पंजाब और उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में सरकार बनाने की रणनीति पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चर्चा और बाड़ेबंदी पर बात करने से जोड़ कर देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुरू से ही गांधी परिवार सहित पार्टी के विश्वसनीय नेता रहे हैं। उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा और राजनीतिक चातुर्य का भी सभी लोहा मानते रहे हैं। वर्ष 2017 में उन्होंने अपनी टीम के साथ गुजरात में पार्टी को चुनाव में बराबरी की स्थिति में खड़ा किया था और राज्यसभा चुनाव में दिवंगत अहमद पटेल की जीत सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका नि भाई थी। कर्नाटक चुनाव में भी गहलोत ने जेडीयू को समर्थन देकर सरकार बनाने में मुख्य भूमिका अदा की थी। उनकी असली परीक्षा साल 2020 में पायलट गुट की बगावत के दौरान हुई और वह इस परीक्षा में खरे उतरे थे।

सूत्रों के अनुसार पंजाब और उत्तराखंड के विधायकों की बाड़ेबंदी दिल्ली रोड स्थित दो होटलों में हो सकती है। इनमें से एक होटल में पायलट गुट की बगावत के समय मुख्यमंत्री गहलोत समर्थक विधायकों के साथ ठहरे थे। सीएम गहलोत ने अपने खास विश्वस्त जलदाय मंत्री महेश जोशी, मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी और विधायक रफीक खान को बाड़ाबंदी की कमान सौंपी है। तीनों नेता यूपी, पंजाब और उत्तराखंड के कांग्रेस उम्मीदवारों की मेहमाननवाजी करेंगे।
सीएम अशोक गहलोत के तीसरे कार्यकाल में पांच राज्यों की बाड़ाबंदी हो चुकी है। सीएम गहलोत मैनेज करने में एक्सपर्ट माने जाते हैं। वर्ष 2019 से लेकर अब तक प्रदेश में गुजरात, असम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधायकों की बाड़ाबंदी हो चुकी है। भाजपा की सेंधमारी को रोकने के लिए राजस्थान सबसे सुरक्षित राज्य माना जाता है। फरवरी 2020 में राज्यसभा चुनाव के चलते गुजरात कांग्रेस विधायकों को जयपुर में शिफ्ट किया गया था। राजस्थान के कांग्रेस विधायकों की जयपुर में ही दो बार बाड़ाबंदी हुई थी। 2021 में हुए असम विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों की जयपुर में 9 अप्रैल, 2021 में बाड़ाबंदी की गई थी। सभी को एक सप्ताह तक जयपुर में ठहराया गया था।

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान भी मध्य प्रदेश के कांग्रेसी विधायकों की जयपुर में बाड़ाबंदी की गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावत करने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर संकट आ गया था। कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर मध्य प्रदेश के कांग्रेसी विधायकों को राजधानी जयपुर में शिफ्ट किया गया। इसी प्रकार 2019 में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त से बचाने के लिए जयपुर में बाड़ाबंदी की गई थी। महाराष्ट्र के विधायकों को दिल्ली रोड स्थित एक होटल में रखा गया। वर्ष 2020 में 30 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त के मद्देनजर कांग्रेस के विधायकों की जयपुर में शिवविलास में बाड़ाबंदी की गई थी। बाड़ाबंदी में तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद रहे थे।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी कल राष्ट्रीय अभियान “#अब कोई बहाना नहीं” का शुभारंभ करेंगी

नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी कल 25 नवंबर को रंग …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *