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यूक्रेन में फंसी डाक्टरी छात्र यूरिका चौधुरी ने परिवार वालों से विडियो कालिंग कर की बात, कहा लग रहा है डर, अब खाने-पानी का भी दिखने लगा है संकट
शेषनाथ राय. भुवनेश्वर
रूस के हमले के कारण यूक्रेन में गम्भीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। रूस के युद्ध की घोषणा किए जाने के बाद से यूक्रेन ने अपनी वायुसीमा को बंद कर दिया है। ऐसे में 20 हजार से अधिक भारतीय वहां फंस गए हैं और अपने देश लौटने के लिए भारत सरकार से गुहार लगा रहे हैं। यूक्रेन की वायुसीमा बंद होने के बाद से भारत अपने नागरिकों को वापस सुरक्षित लाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है। रूस में भारतीयों में ओड़िआ लड़के भी हैं और इन लड़कों के परिवार अब भय के वातावरण में रात गुजार रहे हैं।
यूक्रेन में फंसे रहने वाले भारतियों में ओड़िशा के झारसुगुड़ा जिले के 20 से अधिक छात्र-छात्रा हैं। इसके अलावा मयूरभंज जिले के करंजिया के युवक पंकज महांत, खुर्दा जिले के जटनी रेतंग के डी. अलिशा कुमारी, कुचिंडा की डाक्टरी छात्रा यूरिका चौधुरी यूक्रेन में फंसी हैं। इन्हें सुरक्षित लाने के लिए इनके परिवार वालों ने भारत सरकार से गुहार लगाया है। मयूरभंज जिले के करंजिया के युवक पंकज कुमार महांत यूक्रेन के खारकीव मेडिकल कालेज में पांचवें वर्ष का छात्र हैं। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध आरभ हो जाने से वह वहीं फंस गए हैं। सुरक्षित निकालने के लिए छात्र के परिवार वालों ने राज्य एवं केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है। उसी तरह से खुर्दा जिले के जटनी रेतंग की डी.कुमारी.वी भी यूक्रेन में हैं। 6 साल के डाक्टरी पाठ्यक्रम में से इनका चार साल का पाठ्यक्रम पूरा हो गया है। ऐसे में बेटी को सुरक्षित बचाने के लिए उसके माता पिता ने सरकार से निवेदन किया है।
इसके अलावा कुचिंडा की डाक्टरी छात्र यूरिका चौधुरी यूक्रेन में है और यूरिका डरी हुई है। विडियो काल के जरिए यूरिका अपने परिवार वालों से बात की हैं। उन्होंने कहा है कि यहां धीरे धीरे खाद्य एवं पेयजल का संकट भी दिखाई देने लगा है। झारसुगुड़ा जिले के भी 20 से अधिक छात्र-छात्रा यूक्रेन में शामिल हैं।