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प्रगतिशील औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप कुशलता और रोजगार की क्षमता – नेशनल स्किल कवालिफिकेशन फ्रेमवर्क पर जोर दिया जाएगा
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डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एण्ड लाइवलीहुड- द डीईएसएच- स्टेक ई-पोर्टल शुरू किया जाएगा
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गुणवत्तापूर्ण व्यापक शिक्षा प्रदान करने के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय खोले जाएंगे
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कक्षा 1-12 के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने के लिए पीएम ई-विद्या के ‘वन क्लास- वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 टीवी चैनलों से बढ़ाकर 200 टीवी चैनलों तक पहुंचाया जाएगा
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750 वर्चुअल प्रायोगशालाओं और समकालिक शिक्षण परिवेश के लिए 75 स्किलिंग ई-लैब्स की स्थापना की जाएगी
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डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से वहां की बोली जाने वाली भाषाओं में उच्च गुणवत्ताप्रद ई-कंटेंट तैयार किया जाएगा
नई दिल्ली. केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि कौशल विकास कार्यक्रमों और उद्योगों के साथ भागीदारी को नई दिशा दी जाएगी, जिससे कुशलता के आयामों को लगातार बढ़ावा मिलता रहेगा और इनमें स्थायित्व और रोजगार की क्षमता भी बढ़ेगी। नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) को प्रगतिशील औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाएगा।
डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एण्ड लाइवलीहुड- द डीईएसएच- स्टेक ई-पोर्टल शुरू किया जाएगा। इस पोर्टल का उद्देश्य नागरिकों को इस प्रकार कुछ सशक्त बनाना है कि वह ऑनलाइन ट्रेनिंग के माध्यम से अपनी कुशलता का विकास कर सकें। इसके तहत एपीआई आधारित ट्रस्टेड स्किल क्रेडेंशियल्स प्रदान किए जाएंगे और उसी के अनुसार भुगतान भी किया जाएगा तथा उनको नए ‘डिस्कवरी लेयर्स’ प्रदान किए जाएंगे, जिससे कि वह रोजगार और उद्यमितापरक अवसर का लाभ प्राप्त कर सकें।
वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों के माध्यम से ‘ड्रोन शक्ति’ की सुविधा प्रदान करने और ड्रोन-एएस-ए-सर्विस (डीआरएएएस) के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी राज्यों के चुनिंदा आईटीआई संस्थानों में कौशल विकास के लिए अपेक्षित पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर व्यक्तिगत तौर पर पहुंच के साथ विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। यह विभिन्न भारतीय भाषाओं और आईसीटी फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जाएगा। यह विश्वविद्यालय नेटवर्क आधारित हब-स्पोक मॉडल पर बनाया जाएगा, जिसमें हब भवन अत्याधुनिक आईसीटी विशेषज्ञता से युक्त होंगे। देश के सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक विश्वविद्यालय और संस्थान हब-स्पोक के नेटवर्क के रूप में सहयोग करेंगे।
गुणवत्ताप्रद शिक्षा का सार्वभौमिकरण
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस महमारी से बाध्य होकर स्कूलों को बंद किए जाने के कारण हमारे बच्चे, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले और जो अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के हैं, को लगभग दो वर्ष की औपचारिक शिक्षा से वंचित होना पड़ा है। अधिकतर ये बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। हम अनुपूरक शिक्षण दिए जाने और शिक्षा हेतु एक उत्थानशील तंत्र तैयार करने की जरूरत को स्वीकार करते हैं। इस उद्देश्य से पीएम ई-विद्या के ‘वन क्लास-वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 टीवी चैनलों से बढ़ाकर 200 टीवी चैनलों तक पहुंचाया जाएगा। इससे सभी राजय 1-12 तक की कक्षा के छात्रों के लिए अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुपूरक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि व्यवसायी पाठ्यक्रम के तहत अत्यंत महत्वपूर्ण चिंतन कौशल को बढ़ावा देने और रचनात्मकता को स्थान देने के लिए, वर्ष 2022-23 में विज्ञान और गणित में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाओं और समकालिक शिक्षण परिवेश के लिए 75 स्किलिंग ई-लैब्स की स्थापना की जाएगी।
इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो पर डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से वहां की बोली जाने वाली भाषा में उच्च गुणवत्ताप्रद ई-कंटेंट तैयार कर उस तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।
अध्यापकों को गुणवत्ताप्रद ई-कंटेट तैयार करने में शिक्षण के डिजिटल उपकरणों से सशक्त बनाने और सुसज्जित करने तथा बेहतर शिक्षण परिणाम प्राप्त करने के लिए एक प्रतिस्पर्धापरक तंत्र की स्थापना की जाएगी।
राज्यों को शहरी योजना में सहायता
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा कि शहरी योजना और डिजाइन में भारत विशिष्ट ज्ञान विकसित करने और इन क्षेत्रों में प्रमाणित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, विभिन्न क्षेत्रों में पांच मौजूदा शैक्षिक संस्थाओं को उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में नामित किया जाएगा। प्रत्येक केंद्र के लिए 250 करोड़ रुपये का इनडॉवमेंट फंड प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद-एआईसीटीई अन्य संस्थाओं में शहरी योजना से संबंधित पाठ्यक्रमों में सुधार लाने, गुणवत्ता बढ़ाने और पहुंच कायम करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
जीआईएफटी-आईएफएससी
वित्त मंत्री ने कहा कि विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को जीआईएफटी शहरों में वित्तीय प्रबंधन, फिनटेक, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित में अपने पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति दी जाएगी और केवल आईएफएससीए द्वारा चलाए जाने वाले पाठ्यक्रमों को छोड़कर इन्हें घरेलू विनियमों से मुक्त रखा जाएगा। इससे वित्तीय सेवाओं और प्रौद्योगिकी के लिए उच्च स्तर के मानव संसाधन उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
स्टार्ट-अप के लिए प्रोत्साहन
स्टार्ट-अप हमारी अर्थव्यवस्था के लिए विकास के प्रेरक के रूप में उभरकर सामने आए हैं। पिछले कुछ वर्षों में, देश ने कामयाब स्टार्ट-अप की संख्या में कई गुणा वृद्धि देखी है। 31 मार्च 2022 से पहले स्थापित पात्र स्टार्ट-अप को निगमन से 10 वर्षों में से तीन क्रमिक वर्षों के लिए कर प्रोत्साहन दिया गया था। कोविड महामारी को देखते हुए, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने ऐसे कर प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए पात्र स्टार्ट-अप के निगमन की अवधि और एक वर्ष यानी 31 मार्च 2023 तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया।
कारोबारी व्यय के रूप में ‘स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर’ के संबंध में स्पष्टीकरण
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर कारोबारी आय की गणना के लिए एक स्वीकार्य व्यय नहीं है। इसमें कर के साथ-साथ अधिभार भी शामिल हैं। ‘स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर’ विनिर्दिष्ट शासकीय कल्याणकारी कार्यक्रमों के वित्त पोषण के लिए करदाता पर एक अतिरिक्त अधिभार के रूप में अधिरोपित किया जाता है। परंतु, कुछ न्यायालयों ने ‘स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर’ को कारोबारी व्यय के रूप में स्वीकृत किया है, जो विधायी अभिप्राय के विरुद्ध है। विधायी अभिप्राय दोहराने के लिए वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट करने का प्रस्ताव किया कि आय और मुनाफे पर किसी भी अधिभार या उपकर को करोबारी व्यय के रूप में स्वीकृत नहीं किया जा सकता है।