नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने हाथियों को करंट से बचाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट में प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने दायर याचिका में कहा है कि हाथियों की अप्राकृतिक मौत हो रही है। इनमें से ज्यादातर की मौत बिजली का करंट लगने से हो रही है। याचिका में हाल ही में लोकसभा में वन और पर्यावरण मंत्रालय के उस डाटा का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 2016-17 में बिजली के करंट से हाथियों से मौत की संख्या 56 थी, जो 2018-19 में बढ़कर 81 तक पहुंच गई।
याचिका में एक आरटीआई आवेदन के जवाब का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि 2009 से 2020 तक कुल 741 हाथियों की मौत बिजली की करंट लगने से हो गई थी। याचिका में कहा गया है कि हाथियों के बिजली के करंट से मरने की समस्या को वन और पर्यावरण मंत्रालय भी गंभीर मानता है। याचिका में 2010 के गजा रिपोर्ट की अनुशंसाओं के अनुपालन की मांग की गई है।
इसके अलावा 18 जुलाई, 2019 को हुए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ के स्टैंडिंग कमेटी के 54वें बैठक में टास्क फोर्स की अनुशंसाओं को भी लागू करने की मांग की गई है। याचिका में मांग की गई है कि वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, नेशनल पार्कों, कम्युनिटी रिजर्व, एलिफैंट रिजर्व इत्यादि में हाई वोल्टेज पावर ट्रांसमिशन के तारों को तत्काल रूप से हटाने का आदेश दिया जाए। इसके लिए केंद्र और सभी राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
साभार-हिस