11वीं कक्षा की छात्राओं के लिए तैयार किये गये एसटीईएम कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य युवा छात्राओं को विज्ञान और नवाचार के बारे में रचनात्मक रूप से सोचने के लिए प्रशिक्षित करना, उन्हें अनुसंधान समस्याओं को हल करने में नया अनुभव प्रदान करना और उन्हें एक मजबूत ज्ञान नींव बनाने में मदद करना है।
स्कूली छात्राओं के एसटीईएम मेंटरशिप प्रोग्राम के बारे में बोलते हुए, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव ने कहा, “एसटीईएम में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है। आईआईटी दिल्ली द्वारा शुरू किए गए मेंटरशिप प्रोग्राम के माध्यम से स्कूली छात्राएं यहां की विश्व स्तरीय प्रयोगशालाओं और वहां चल रहे शोध कार्यों से परिचित होंगी। मुझे उम्मीद है कि आईआईटी दिल्ली द्वारा शुरू किया गया मेंटरशिप कार्यक्रम उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा और वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में प्रवेश करने और अपने शोध कार्य से समाज की मदद करने के लिए प्रेरित होंगी।”
इस पहल के तहत, प्रत्येक स्कूली छात्रा को एक आईआईटी दिल्ली संकाय और उनके शोधार्थियों द्वारा सलाह दी जाएगी। परामर्श अवधि के दौरान, उन्हें एसटीईएम विषयों में मूलभूत अवधारणाओं से अवगत कराया जाएगा और विज्ञान प्रयोगशालाओं में प्रयोग की जाने वाली प्रायोगिक विधियों और तकनीकों को भी सिखाया जाएगा।
आईआईटी दिल्ली में शैक्षिक, आउटरीच और नई पहल के सह संकायाध्य क्ष प्रो पृथा चंद्रा ने कहा, “यह कार्यक्रम छात्राओं को भविष्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आने के लिए आकर्षित करेगा। हमारा मानना है कि छात्राओं को कम उम्र में ही वैज्ञानिक अवधारणाओं से अवगत कराया जाना चाहिए ताकि वे भविष्य में अकादमिक शोध की दृढ़ता की सराहना करने में सक्षम हो सकें और उनमें एकेडेमिक्स को करियर विकल्प के रूप में लेने का आत्मविश्वास पैदा हो सके।”
एक बैच में 11वीं कक्षा की साइंस स्ट्रीम की 10 छात्राएं होंगी और यह तीन स्तरीय कार्यक्रम होगा। पहला, दो सप्ताह की शीतकालीन परियोजना जो दिसंबर 2021 के अंत से शुरू होकर जनवरी 2022 की शुरुआत में समाप्त होगी। दूसरा, एक ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला, जिसमें रसायन विज्ञान, भौतिकी, जीव विज्ञान, गणित और कुछ इंजीनियरिंग शाखाओं में मॉड्यूल शामिल हैं। यह व्याख्यान आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसरों द्वारा फरवरी और अप्रैल 2022 के बीच की अवधि के दौरान दिए जाएंगे। इस अवधि के दौरान, छात्राएं अपने विशिष्ट प्रोजेक्ट्स पर अपने मेन्टिर के साथ लगातार बातचीत भी करेंगी। तीसरा, ग्रीष्मकालीन परियोजना (मई-जून 2022 में 3-4 सप्ताह), जहां छात्राओं को प्रयोगशालाओं में अनुभव प्राप्त होगा, और वे अपने मेन्टपर के साथ अपनी परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप देंगी।
छात्राओं के परियोजना क्षेत्रों में कंप्यूटर विज्ञान, रसायन विज्ञान, यांत्रिक इंजीनियरिंग, भौतिकी, जैविक विज्ञान जैसे विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न विषयों को शामिल किया जाएगा।
पहले बैच की दस छात्राएं दिल्ली क्षेत्र के विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों से हैं। भविष्य में, देश के अन्य क्षेत्रों की छात्राओं की भागीदारी और कार्यक्रम को आवासीय में बदलने की योजना है।
एसटीईएम मेंटरशिप प्रोग्राम स्कूली छात्रों के लिए आईआईटी दिल्ली की दूसरी अकादमिक आउटरीच पहल है। सितंबर 2021 में, संस्थान ने कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए साइंसटेक स्पिन व्याख्यान श्रृंखला शुरू की थी। इस पहल के तहत, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और संबद्ध क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान में लगे आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर हर महीने ऑनलाइन व्याख्यान देते हैं और प्रयोगशाला प्रदर्शन करते हैं। चौथा साइंसटेक स्पिन व्याख्यान 18 दिसंबर, 2021 को आयोजित किया गया था।
साभार-हिस
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