पटना, तीन जनवरी, 2022 से 15 से 18 वर्ष के बच्चों को कोरोना की टीका दी जाएगी। इसके लिए पंजीकरण का काम पूरा हो चुका है। बच्चों के टीकाकरण के मामले में बिहार देश का दूसरा प्रदेश है, जहां सबसे अधिक 15 से 18 साल के बच्चे हैं। यहां कुल 83 लाख 46 हजार बच्चों को जनवरी माह में कोरोना की टीका दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश इस मामले में टॉप पर है, यहां एक करोड़ 40 लाख 14,000 हजार बच्चे वैक्सीनेशन की कतार में हैं। तीसरे नंबर महाराष्ट्र और चौथे नंबर पर पश्चिम बंगाल है। देश के कुल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 15 से 18 वर्ष के समूह वाले कुल सात करोड़ 40 लाख 57,000 हजार बच्चों वैक्सीनेशन होगा। पहली डोज देने के 28 दिन बाद दूसरी डोज बच्चों को दी जाएगी।
पटना में 4.30 लाख बच्चों का हुआ पंजीकरण
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर विद्यालयों में टीकाकरण केंद्र बनाने को लेकर काम चल रहा है।टीका देने वालों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी जिलों के प्रतिरक्षण पदाधिकारियों के साथ बैठक की है। इसमें बच्चों के वैक्सीनेशन से लेकर 60 साल से ऊपर वालों के प्रिकॉशन डोज पर मंथन किया गया है। अकेले पटना जिले में 4.30 लाख से अधिक बच्चे का अबतक टीकाकरण को लेकर पंजीकरण हुआ है।
राजधानी में जो तैयारी चल रही है, उसके मुताबिक दो दिन में पूरी टीम और सेंटर का चयन कर लिया जाएगा। इसमें तैयारी चल रही है कि कि सामान्य लोगों का वैक्सीनेशन बच्चों से अलग किया जाए। इसके लिए पटना में बैठकों का दौर काफी तेजी से चल रहा है। वैक्सीन का स्टॉक कराने के साथ टीका देने वाले को प्रशिक्षित करने का काम किया जा रहा है। पटना के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि टीकाकरण को लेकर प्रशिक्षण कराई जा रही है। दो दिन में केंद्र से लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों का पूरा डेटा तैयार कर लिया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार तीन जनवरी 2022 से वैक्सीनेशन कराया जाएगा।
टीकाकरण के लिए पंजीकृत राज्यों में बिहार
उत्तर प्रदेश – 01 करोड़ 40 लाख 14 हजार
बिहार – 83 लाख 46 हजार
महाराष्ट्र – 60 लाख 63 हजार
पश्चिम बंगाल – 48 लाख 23 हजार
मध्य प्रदेश – 48 लाख
सबसे कम बच्चों के वैक्सीनेशन वाले राज्य
अरुणाचल प्रदेश – 98 हजार
दमन एंड दीव – 25 हजार
अंडमान एंड निकोबार 23 हजार
लद्धाख – 13 हजार
लक्ष्यदीप – पांच हजार
साभार-हिस