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कहा-यहां अन्य राज्यों की तुलना में स्थिति है बेहतर
Dr Niranjan Mishra
भुवनेश्वर. राज्य में अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन संस्करण के आठ मामलों का पता चलने के बीच राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक डॉ निरंजन मिश्र ने सोमवार को कहा कि राज्य में रात के कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों को लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं है. यहां अन्य राज्यों की तुलना में स्थिति बेहतर है.
भुवनेश्वर में मीडिया को संबोधित करते हुए मिश्र ने कहा कि राज्य की स्थिति अभी अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है. इसलिए यहां नाइट कर्फ्यू या लॉकडाउन लगाने की कोई जरूरत नहीं है. मिश्र ने कहा कि रात का कर्फ्यू या लॉकडाउन कई कारकों को ध्यान में रखते हुए लगाया जाता है, जिसमें समग्र संक्रमण दर, परीक्षण सकारात्मकता दर (टीपीआर), कुल सक्रिय मामले, दैनिक संक्रमण दर और अस्पताल में भर्ती होने की दर शामिल होते हैं.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिलों में या तो 10 प्रतिशत सकारात्मकता दर होने या ऑक्सीजन समर्थित या आईसीयू के 40 प्रतिशत बेड भरने की स्थिति को देखते हुए पहले राज्यों से रात के कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाने और कान्टेंमेंट जोन घोषित करने के लिए कहा था.
जनस्वास्थ्य निदेशक ने राज्य में अब तक पाए गए ओमिक्रॉन मामलों का विवरण भी साझा करते हुए कहा कि ओडिशा समेत पूरे देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं. आरटी-पीसीआर परीक्षणों के माध्यम से कुल 18 अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को कोरोना पाजिटिव पाया गया. सभी पॉजिटिव यात्रियों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे. उनमें से आठ को ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है, जबकि बाकी नेगेटिव पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि सभी ओमिक्रॉन संक्रमित यात्रियों की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है और उनमें से अधिकांश स्पर्शोन्मुख थे या हल्के लक्षण थे. उनके परिवारों को ट्रैक किया गया है और उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. मिश्र ने आगे कहा कि यात्री नेगेटिव टेस्ट करने के बाद या टीका लगवाने के बाद फ्लाइट में सवार होते हैं. इसका मतलब है कि यात्रा के दौरान यात्री संक्रमित हो रहे हैं.
इस बीच, विभिन्न राज्य सरकारों ने ओमिक्रॉन संस्करण के कारण बिगड़ती स्थिति को रोकने के लिए प्रतिबंधों की घोषणा की है. मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है.