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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान से कई राज्यों में बेटियों की संख्या में हुई वृद्धि : प्रधानमंत्री मोदी

प्रयागराज/नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाये गये कदमों का हवाला देते हुए कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के परिणामस्वरूप कई राज्यों में बेटियों की संख्या में वृद्धि हुई है।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने हिंदी साहित्य के महान साहित्यकार आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि प्रयागराज हजारों सालों से हमारी मातृ शक्ति की प्रतीक मां गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की भूमि रहा है। उन्होंने कहा कि आज यह तीर्थ नगरी भी नारी-शक्ति का ऐसा अद्भुत संगम की भी साक्षी बन रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कार्यों को पूरा देश देख रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना जैसी योजनाएं, जिसके तहत उन्होंने आज राज्य की एक लाख से अधिक लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए, ग्रामीण गरीबों और लड़कियों के लिए विश्वास का एक बड़ा माध्यम बन रही हैं।
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि उप्र की महिलाओं के लिए डबल इंजन सरकार द्वारा सुनिश्चित सुरक्षा, गरिमा और सम्मान अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है- अब वो पहले की सरकारों वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान द्वारा लिंग चयनात्मक गर्भपात को रोकने के लिए समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कई राज्यों में बेटियों की संख्या में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, अस्पतालों में प्रसव और गर्भावस्था के दौरान पोषण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के बैंक खाते में 5 हजार रुपये जमा किए जाते हैं, ताकि वे उचित खान-पान का ध्यान रख सकें।
प्रधानमंत्री ने कई कदमों को सूचीबद्ध किया जिससे महिलाओं की गरिमा में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों शौचालयों के निर्माण, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन की सुविधा और घर में ही नल से जल आने से बहनों के जीवन में भी एक नई सुविधा मिली है।
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि दशकों से, घर और संपत्ति को केवल पुरुषों का अधिकार माना जाता था। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं इस असमानता को दूर कर रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए जा रहे मकान प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के नाम पर बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार और परिवार की आय बढ़ाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं में महिलाओं को बराबर की भागीदार बनाया जा रहा है। आज मुद्रा योजना गांवों में गरीब परिवारों से भी नई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना के माध्यम से महिलाओं को देश भर में स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण संगठनों से भी जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जोर दिया, “मैं महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों को आत्मनिर्भर भारत अभियान की चैंपियन मानता हूं। ये स्वयं सहायता समूह वास्तव में राष्ट्रीय सहायता समूह हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार बिना किसी भेदभाव के बेटियों के भविष्य को सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय की भी जानकारी दी। मोदी ने कहा, “पहले, बेटों के लिए शादी की उम्र कानूनन 21 साल थी, लेकिन बेटियों के लिए ये उम्र 18 साल ही थी। बेटियां भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें। इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है। देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है, लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, ये सब देख रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने हाल के वर्षों में राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि माफिया राज और अराजकता के इस खात्मे का सबसे बड़ा फायदा उप्र की बहन और बेटियों को है। उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के साथ-साथ अधिकार भी हैं। आज उप्र में संभावनाएं भी हैं और व्यापार भी है। मुझे पूरा विश्वास है है कि हमारी माताओं और बहनों के आशीर्वाद से कोई भी इस नए उप्र को फिर से अंधेरे में नहीं धकेल सकता।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने 1000 करोड़ रुपये की धनराशि स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के बैंक खातों में हस्तांतरित की, जिससे एसएचजी की लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को फायदा होगा। यह हस्तांतरण दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत किया जा रहा है, जिसके अनुसार प्रति स्वयं सहायता समूह 1.10 लाख रुपये के हिसाब से 80 हजार समूहों को समुदाय निवेश निधि (सीआईएफ) तथा 15 हजार रुपये प्रति स्वयं सहायता समूह के हिसाब से 60 हजार समूहों को परिचालन निधि प्राप्त हो रही है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 20 हजार व्यापार सखियों (बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेन्ट सखी – बीसी सखी) के खातों में पहले महीने का 4000 रुपये वजीफा भी हस्तांतरित किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने इस दौरान, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगल योजना के तहत एक लाख से अधिक लाभार्थियों को 20 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भी हस्तांतरित की। उन्होंने 202 पूरक पोषण निर्माण इकाइयों की आधारशिला भी रखी।
साभार-हिस

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