कोर्ट ने पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम समेत सभी आरोपितों को समन जारी किया था। ईडी की ओर से दाखिल केस में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम आरोपित हैं। इनके अलावा मेसर्स पद्मा भास्कर रमन, मेसर्स एडवांटेजेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपित बनाया गया है।
सीबीआई की ओर से दाखिल केस में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के अलावा अशोक कुमार झा, कुमार संजय कृष्णा, दीपक कुमार सिंह, राम शरण, ए पलनिअप्पन, मेसर्स ऐस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क्स पीएलसी, मेसर्स मैक्सिस मोबाइल एसडीएन बीएचडी, मेसर्स भूमि अरमादा बेरहाद, भूमि अरमादा नेविगेशन एसडीएन बीएचडी, टी आनंद कृष्णन, अगस्तस राल्फ मार्शल, मेसर्स एडवांटेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड, एस भास्करन और वी श्रीनिवासन शामिल हैं।
5 सितंबर 2019 को इस मामले की सुनवाई करनेवाले तत्कालीन जज ओपी सैनी ने एयरसेल मैक्सिस डील मामले में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दी थी। अगले दिन जज ओपी सैनी ने इस मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दी। दरअसल 6 सितंबर 2019 को ये मामला चार्जशीट पर दलीलें सुनने के लिए लिस्ट किया गया था लेकिन ईडी और सीबीआई ने सुनवाई स्थगित कर अक्टूबर 2019 के पहले सप्ताह सुनवाई करने की मांग की थी।
जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की तब स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए और कहा कि आप सुनवाई हमेशा टालने की ही मांग करते हैं। जब आपकी जांच पूरी हो जाए तब कोर्ट से संपर्क कीजिएगा। जब आपको दूसरे देशों से आग्रह पत्र का जवाब मिल जाए तब कोर्ट को सूचित कीजिएगा।
साभार-हिस