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दूसरी खुराक का कवरेज बढ़ाने की जरूरत : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के नये संस्करण ‘ओमिक्रॉन’ (बी 1.1.529 अथवा) के खतरे के मद्देनजर अधिकारियों को अधिक सक्रिय रहने के साथ ही 15 दिसम्बर से शुरु होने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने संबंधी योजना की समीक्षा करने का सुझाव दिया है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में देश में कोविड-19 से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों और राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की समीक्षा की गई। वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ लगभग दो घंटे तक चर्चा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान जारी कर बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री को कोविड-19 संक्रमणों और मामलों पर वैश्विक रुझानों के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 मामलों और परीक्षण सकारात्मकता दरों से संबंधित राष्ट्रीय स्थिति की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री को टीकाकरण में प्रगति और ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया गया।
बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोना रोधी टीके की दूसरी खुराक का दायरा बढ़ाने की जरूरत है और राज्यों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि जिन लोगों को पहली खुराक मिली है उन्हें दूसरी खुराक समय पर दी जाए। प्रधानमंत्री को समय-समय पर देश में सीरो-पॉजिटिविटी और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया में इसके प्रभाव के बारे में भी जानकारी दी गई।
अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोरोना के नये संस्करण ‘ओमिक्रॉन’ के साथ-साथ इसकी विशेषताओं और विभिन्न देशों में देखे गए प्रभाव के बारे में जानकारी दी। भारत के लिए इसके प्रभावों पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने नए संस्करण के आलोक में सक्रिय रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए खतरे के आलोक में लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है और उचित सावधानी बरतने की जरूरत है जैसे मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग। प्रधानमंत्री ने सभी अंतरराष्ट्रीय आगमन की निगरानी की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और दिशानिर्देशों के अनुसार उनका परीक्षण, ‘जोखिम में’ पहचाने गए देशों पर विशेष ध्यान की जरूरत बताई। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से उभरते नए साक्ष्यों के आलोक में अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने की योजना की समीक्षा करने को भी कहा।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को राज्य और जिला स्तर पर उचित जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि उच्च मामलों की रिपोर्ट करने वाले समूहों में गहन नियंत्रण और सक्रिय निगरानी जारी रहनी चाहिए और उन राज्यों को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए जो वर्तमान में उच्च मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वायरस के वेंटिलेशन और हवा से पैदा होने वाले व्यवहार के बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है।
अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि वे नए फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए सुविधाजनक दृष्टिकोण अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न दवाओं के पर्याप्त बफर स्टॉक सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से बाल चिकित्सा सुविधाओं सहित चिकित्सा बुनियादी ढांचे के कामकाज की समीक्षा के लिए राज्यों के साथ काम करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों और वेंटिलेटर के उचित कामकाज को सहन करने के लिए राज्यों के साथ समन्वय करने को कहा।
बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गाबा, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के.पॉल, गृह सचिव एके भल्ला, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, सचिव (जैव प्रौद्योगिकी) डॉ राजेश गोखले, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव, सचिव (आयुष) वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव (शहरी विकास) दुर्गा शंकर मिश्रा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ आर.एस. शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो.के विजयराघवन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे।
साभार-हिस