नई दिल्ली, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने देश को अवैध धर्मांतरण के अभिशाप से मुक्त कराने के लिए इसके खिलाफ फौरन प्रभावी कानून बनाने की मांग की है।
डॉ. जैन ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि अभी तक केवल 11 राज्यों में अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून है, जबकि समस्या राष्ट्रव्यापी है। यह राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। उन्होंने कहा कि अवैध धर्मांतरण के दुष्परिणामों के बारे में भारत से ज्यादा कौन समझता है। भारत का विभाजन, कश्मीर की समस्या, जेहादी आतंकवाद, पूर्वोत्तर का आतंकवाद और लव जिहाद जैसी समस्याएं धर्मांतरण के कारण ही हुई हैं। विहिप केंद्र एवं राज्य सरकारों से अपील करती है कि वे अवैध धर्मांतरण के खिलाफ अविलंब कानून बनाएं जिससे देश को धर्मांतरण के अभिशाप से मुक्त कराया जा सके।
उन्होंने पंजाब के मोगा में हाल में हुई चंगाई सभा (प्रार्थना सभा) के आयोजकों को चेताया कि वे भोले-भाले हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ से बाज आएं। उन्होंने कहा कि चंगाई सभा ईसाई मिशनरियों का धोखा देकर धर्मांतरण करने का एक अनैतिक, अवैधानिक और अधार्मिक षड्यंत्र है। इसके बावजूद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मोगा की चंगाई सभा में मुख्य अतिथि के रूप में रहना स्वीकार किया। पंजाब के धर्म प्रिय समाज ने धर्मांतरण के इस षड्यंत्र का सशक्त विरोध किया। समाज के इस विरोध के कारण मोगा में रहते हुए भी मुख्यमंत्री चन्नी इस कार्यक्रम में नहीं आए और स्थानीय विधायक भी ना सके। उन्होंने कहा कि विहिप मोगा के सिख एवं हिंदू समाज का अभिनंदन करती है और विश्वास करती है कि पंजाब में चंगाई सभा का धोखा और अवैध धर्मांतरण का षड्यंत्र वहां का समाज नहीं चलने देगा।
संयुक्त महामंत्री डॉ. जैन ने कहा कि चंगाई सभा भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और ड्रग तथा मैजिक रेमेडी कानून 1954 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। यदि वे कुछ शब्दों के उच्चारण से किसी को ठीक कर सकते हैं तो दुनिया के करोड़ों मरीजों को ठीक क्यों नहीं करते? कोरोना महामारी से लाखों लोगों की मृत्यु हो गई जिनमें कई पादरी भी थे। यदि इनके पास वास्तव में कोई शक्ति है तो इन सबको क्यों नहीं बचा लिया गया? यह केवल धोखाधड़ी भरा कृत्य है जिसमें भोले-भाले लोगों को फंसा कर धर्मांतरित किया जाता है। डॉ. जैन ने कहा कि दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे चन्नी जैसे कुछ लोग इस षड्यंत्र के भागीदार बन रहे हैं। विहिप उनको परामर्श देती है कि संविधान की रक्षा करने की अपनी शपथ का वे सम्मान बनाए रखें और अवैध धर्मांतरण की किसी गतिविधि को प्रोत्साहन न दें।
साभार-हिस