शिलांग, मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा समेत राज्य के 12 कांग्रेस विधायकों के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। ताजा हालात की समीक्षा के लिए संकटमोचक एवं मेघालय कांग्रेस के प्रभारी मनीष सतरथ शिलांग पहुंच रहे हैं।
पार्टी सूत्रों ने कहा है कि वह यहां पर पार्टी के अन्य नेताओं के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद विंसेंट एच पाला के साथ ताजा उत्पन्न स्थिति के कारणों का विश्लेषण करेंगे।
बुधवार रात को पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा और कुछ अन्य विधायकों के साथ बैठकर कांग्रेस के विधायक जेनिथ संगमा ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि वे सभी ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
मेघालय विधानसभा में कांग्रेस के 17 विधायक थे। 12 विधायकों के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद विधानसभा में अब सिर्फ पांच विधायक ही कांग्रेस के पाले में बचे हैं। जेनिथ संगमा ने दावा किया कि कुछ अन्य लोग जल्द ही तृणमूल में शामिल हो जाएंगे।
राज्य विधानसभा में इतनी बड़ी संख्या में दलबदल के कारण कांग्रेस अल्पमत में आ गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा में अब तृणमूल को मुख्य विपक्षी दल के रूप में मान्यता मिल सकती है।
कांग्रेस नेता मुकुल संगमा राज्य विधानसभा में विपक्ष के मुख्य नेता थे। वह 2003 से अब तक दो बार उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं। मुकुल को 2018 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की सहयोगी कॉनराड संगमा की एनपीपी पार्टी से हारने के बाद विपक्ष की सीट पर बैठना पड़ा था।
राज्य में इस बात की भी काफी अटकलें लगाई जा रही थीं कि शिलांग के सांसद विंसेंट एच पाला को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद संगमा पद छोड़ सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से एक यह भी खबर थी कि मुकुल संगमा जल्द ही भाजपा में शामिल हो जाएंगे, लेकिन तमाम अटकलों को खारिज करते हुए और वे अपने सहयोगियों के साथ तृणमूल में शामिल हो गये, जिसके चलते राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है।
साभार-हिस