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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आनंद शंकर पांड्या पंचतत्व में विलीन

  •  प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष नड्डा और विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने जताया शोक

नई दिल्ली, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पूर्व उपाध्यक्ष आनंद शंकर पांड्या गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। मुंबई के शिवाजी पार्क स्थित चैतन्य मोक्ष धाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े बेटे ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। वे करीब 100 साल के थे।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि मध्यप्रदेश में जन्मे पांड्या ने बुधवार रात्रि लगभग 8 बजे मुंबई के बोरली स्थित निवास पर अंतिम श्वांस ली। आज पूर्वाह्न 11 बजे मुंबई के शिवाजी पार्क स्थित चैतन्य मोक्ष धाम में उनके बड़े बेटे ने चिता को मुखाग्नि दी।

पांड्या के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, विहिप महामंत्री मिलिंद परांडे सहित देश के अनेक गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने अपनी शोक संवेदना में कहा कि आनंद शंकर पांड्या एक महान लेखक और बुद्धिजीवी थे, जिन्होंने इतिहास, लोक नीति और आध्यात्मिकता पर व्यापक रूप से लिखा। उनमें भारत के विकास के प्रति उत्साह था। वे विहिप में सक्रिय थे और निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करते थे।
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि आनंद शंकर पांड्या ऐसे महान विभूति थे जिन्होंने सर्वोदय आंदोलन से लेकर श्रीराम जन्मभूमि की मुक्ति तक राष्ट्रप्रेम एवं हिंदुत्व के जागरण के लिए अपना सर्वस्व लगा दिया। उत्कृष्ट लेखक, चिंतक, राष्ट्रभक्त और विहिप के पूर्व उपाध्यक्ष को विनम्र श्रद्धांजलि।
बकौल विनोद बंसल, पांड्या ने 99 वर्ष, 7 माह के जीवन काल में विश्वभर में घूम-घूम कर हिंदुत्व और भारतीयता का प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने 250 से अधिक हैंडबिल्स और दर्जन भर पुस्तकें लिखीं जो करोड़ों की प्रेरणा बनीं। जब वर्ष 2005 में अशोक सिंहल विहिप के अध्यक्ष बने तो पांड्या उपाध्यक्ष बने। उसके बाद कई वर्षों तक वे विहिप के सलाहकार मंडल के सदस्य रहे।

वे एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, गांधीवादी चिंतक और सर्वोदय आंदोलन के सिपाही थे। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। पांड्या और अशोक सिंहल काशी हिंदू विश्वविद्यालय में साथ पढ़े थे। पांड्या, विहिप की अमेरिकी इकाई के संस्थापक सदस्यों में से थे।
साभार-हिस

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