Home / National / दिवाली में खरीदें मेक इन इंडिया का प्रोडक्ट – मोदी

दिवाली में खरीदें मेक इन इंडिया का प्रोडक्ट – मोदी

  • सौ करोड़ टीका पर देशवासियों को दी बधाई

  • त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाने का आह्वान

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान देश वासियों से दिवाली के उत्सव के दौरान मेक इन इंडिया के उत्पादों को खरीदने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मैं आपसे फिर ये कहूंगा कि हमें हर छोटी से छोटी चीज, जो मेड इन इंडिया हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा. उन्होंने कहा कि जैसे स्वच्छ भारत अभियान, एक जनआंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी चीज खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, Vocal for Local होना, ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा. उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट और देश-विदेश की अनेक एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक हैं. आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ रिकार्ड इनवेस्टमेंट आ रहा है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे हैं. स्टार्टअप्स में रिकार्ड निवेश के साथ ही रिकार्ड स्टार्टअप्स, यूनिकॉर्न बन रहे हैं. भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है.

उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए गर्व करने की बात है कि भारत में आज सौ करोड़ टीका का कठिन लक्ष्य हासिल कर लिया है. सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया.

गरीब-अमीर, गाँव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता. इसलिए ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी न हो. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में ये भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं कि भारत जैसे लोकतंत्र में इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा. भारत के लिए, भारत के लोगों के लिए ये भी कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन यहाँ कैसे चलेगा? लेकिन हमारे लिए लोकतन्त्र का मतलब है-‘सबका साथ’. जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे थे. क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके? भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है. आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं. भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का, 1 बिलियन का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है. लेकिन, इस विश्लेषण में एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहाँ से की है. दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, वैक्सीन खोजना, इसमें दशकों से उनकी विशेज्ञता थी. भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर रहता था, लेकिन कल 21 अक्टूबर को भारत ने 1 बिलियन, 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है. इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है, इसलिए ये सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है. उन्होंने कहा कि देश बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें हासिल करना जानता है. लेकिन, इसके लिए हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है. हमें लापरवाह नहीं होना है. कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा की पूरी गारंटी हो, तो भी, जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जाते. मेरा आग्रह है, कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है.

Share this news

About desk

Check Also

Mahalakshmi महालक्ष्मी को 50 टुकड़ा करने वाला आरोपी ओडिशा में

महालक्ष्मी को 50 टुकड़ा करने वाला आरोपी ओडिशा में

तलाश के लिए कर्नाटक ने से भेजी गईं चार पुलिस टीमें पुलिस ने 2-3 लोगों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *