Home / National / सेना की बटालियनें जल्द ही महिलाओं के हाथों में होगी : राजनाथ
RAJNATH SINGH

सेना की बटालियनें जल्द ही महिलाओं के हाथों में होगी : राजनाथ

  •  अब आतंकवाद की लड़ाई महिलाओं के सहयोग के बिना नहीं जीती जा सकती

  •  भारत के अलावा चीन, कजाकिस्तान व किर्गिस्तान ने साझा किए दृष्टिकोण

नई दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की है कि जल्द ही सेना की इकाइयों और बटालियनों की कमान महिलाओं के हाथों में होगी। सरकार ने सशस्त्र बलों के भीतर महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। अब यह लड़ाई महिलाओं के सहयोग के बिना नहीं जीती जा सकती, इसलिए महिलाएं भी इस लड़ाई में सशस्त्र बलों के भीतर और बाहर भी समान रूप से योगदान देंगी।
रक्षामंत्री नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय के एकीकृत रक्षा कर्मचारी मुख्यालय की मेजबानी में ”सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका” विषय पर आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वेबिनार को सम्बोधित कर रहे थे। अपने उद्घाटन भाषण में राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने सशस्त्र बलों के भीतर महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। महिलाएं पिछले 100 से अधिक वर्षों से भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा में गर्व के साथ सेवा कर रही हैं। भारतीय सेना में 1992 से महिला अधिकारियों को कमीशन देना शुरू किया गया था। अब सेना की अधिकांश शाखाओं में महिला अधिकारियों को शामिल किया जा रहा है। महिलाओं को अब सेनाओं में स्थायी कमीशन दिया जा रहा है। निकट भविष्य में महिलाएं सेना की इकाइयों और बटालियनों की कमान संभालेंगी।
रक्षा मंत्री ने पिछले साल सैन्य पुलिस में महिलाओं की भर्ती शुरू होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब महिलाएं अगले साल से तीनों सेनाओं में भर्ती होने के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि महिलाओं को सेना में समर्थन और युद्ध दोनों भूमिकाओं में शामिल किया गया था, भारतीय नौसेना में वे समुद्री टोही विमानों का संचालन करती हैं। पिछले साल से उन्हें युद्धपोतों पर भी नियुक्त किया गया है। इसी तरह भारतीय तटरक्षक बल महिला अधिकारियों को लड़ाकू भूमिकाओं में नियुक्त कर रहा है जिसमें पायलट, पर्यवेक्षक और विमानन सहायता सेवाएं शामिल हैं। भारतीय वायु सेना में भी महिलाएं हेलीकॉप्टर, लड़ाकू जेट उड़ाती हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी भारतीय सशस्त्र बलों की महिलाएं नियमित रूप से भाग लेती हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध का बदलता स्वरूप हमारी सीमाओं से हमारे समाज के भीतर खतरे ला रहा है। आतंकवाद इस वास्तविकता की सबसे स्पष्ट और शैतानी अभिव्यक्ति है। एक संगठन के रूप में एससीओ ने आतंकवाद और उसके सभी रूपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब यह लड़ाई महिलाओं के सहयोग के बिना नहीं जीती जा सकती, इसलिए महिलाएं भी इस लड़ाई में सशस्त्र बलों के भीतर और बाहर भी समान रूप से योगदान देंगी। रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों के विभिन्न कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बड़ी भूमिका में बढ़ने की उम्मीद जताई।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने स्वागत भाषण दिया। एससीओ के उप महासचिव मूरतबेक अज़ीम्बकिव ने भी वीडियो लिंक के माध्यम से वेबिनार को संबोधित किया। एससीओ देशों के प्रतिनिधियों ने नीति निर्माताओं और चिकित्सकों को समान रूप से समृद्ध और सूचित करने के उद्देश्य से अपने अनुभव साझा किए। वेबिनार दो सत्रों में आयोजित किया गया था। एकीकृत रक्षा स्टाफ (चिकित्सा) के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर ने ”लड़ाकू अभियानों में महिलाओं की भूमिकाओं के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य” पर पहले सत्र की अध्यक्षता की। भारत के अलावा चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के वक्ताओं ने सत्र में अपने दृष्टिकोण साझा किए।
”युद्धों में उभरते रुझान और महिला योद्धाओं की संभावित भूमिका” विषय पर दूसरे सत्र की अध्यक्षता पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव मेनन ने की। पाकिस्तान, रूसी संघ, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के सदस्यों ने इस विषय पर अपने विचार साझा किए। चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) के अध्यक्ष एयर मार्शल बीआर कृष्णा ने समापन भाषण दिया। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सैन्य अधिकारी भी वेबिनार में शामिल हुए।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

Despite monsoon deficit, Kharif acreage up 32% in June, driven by pulses & oilseeds

India sees higher acreage of summer-sown Kharif crops in June despite a larger monsoon rainfall …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *