आतंकियों का मददगार इमरान फारूक हथियार गिराए जाने के दिन जम्मू में ही था लेकिन वह पुलिस की सतर्कता के चलते हथियार लेकर कश्मीर जाने में सफल नहीं हो पाया था। इस घटना के बाद पुलिस ने गहनता से जांच शुरू की और हथियार बरामद होने के दिन मकवाल सेक्टर में सक्रिय सभी मोबाइल फोन की कॉल डिटेल खंगाली। जांच में यह बात साबित हो गई कि इमरान फारूक सीमापार आतंकियों के संपर्क में है और सीमापार बैठे आतंकियों के आकाओं ने उसे सतवारी के मकवाल सेक्टर में ड्रोन से फेंके गए हथियारों को लाने का जिम्मा सौंपा था।
उल्लेखनीय है कि ड्रोन से फेंके गए हथियारों में एक एके 47, 3 मैगजीन, 30 राउंड और अमेरिका निर्मित टेलिस्कोप मिला था।
साभार-हिस
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