नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्वाड शिखर वार्ता और संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में भाग लेने के लिए चार दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर बुधवार को रवाना होंगे। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को अमेरिकी यात्रा के कार्यक्रम का ब्यौरा देते हुए बताया कि क्वाड शिखरवार्ता में भाग लेने से पहले प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। प्रधानमंत्री व्हाइट हाउस में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ भी बैठक करेंगे।
विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता और क्वाड शिखर वार्ता में अफगानिस्तान का घटनाक्रम, वैचारिक उग्रवाद, सीमापार आतंकवाद और कोरोना महामारी का सामना करने के लिए वैक्सीन जैसे उपायों पर मुख्य रूप से चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रपति बाइडेन के साथ यह पहली प्रत्यक्ष मुलाकात होगी। हालांकि दोनों नेता इसके पहले इस वर्ष मार्च महीने में क्वाड की पहली वर्चुअल शिखर वार्ता और जी20 देशों की वर्चुअल शिखर वार्ता में भाग ले चुके हैं। उपराष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन की प्रधानमंत्री मोदी से पहले भी मुलाकात हो चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए अमेरिका के प्रमुख कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे। अमेरिकी प्रशासन और उद्यमियों से विचार-विमर्श के दौरान कोविड पश्चात अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए आपसी सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री के यात्रा कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू 24 सितंबर को क्वाड शिखर वार्ता का आयोजन है। व्हाइट हाउस में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा भी शामिल होंगे।
विदेश सचिव ने कहा कि क्वाड शिखर वार्ता में मार्च बैठक के बाद हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी। साथ ही सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि क्वाड समान विचार और दृष्टिकोण वाले चार देशों का मंच है। क्वाड का एजेंडा व्यापक है और यह वैक्सीन उत्पादन तथा उसकी आपूर्ति, आधारभूत ढांचे का विकास के साथ ही समुद्री सुरक्षा और मुक्त, स्वतंत्र एवं सुरक्षित हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर केन्द्रित है।
क्वाड का मूल आधार प्रधानमंत्री मोदी के शांग्री-ला वक्तव्य से जुड़ा है जिसमें इस क्षेत्र में शांति और स्मृद्धि के लिए सागर नीति का प्रतिपादन किया गया था। भारत विस्तारित क्वाड का पक्षधर है जिसमें दक्षिण-पूर्व एशिया सहयोग संगठन आसियान की केन्द्रीय भूमिका हो।
विदेश सचिव ने कहा कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच हाल में सम्पन्न रक्षा सहयोग गठबंधन (ऑक्स) से क्वाड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्वाड समसामायिक विषयों पर सहयोग करने का मंच है जबकि ऑक्स सुरक्षा गठबंधन है। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया यह स्पष्ट कर चुका है कि गठबंधन के जरिए हासिल होने वाली पनडुब्बियां परमाणु ईंधन से संचालित होंगी लेकिन उसमें परमाणु हथियार नहीं होंगे। यह पूछे जाने पर की क्या क्वाड का रक्षा से संबंधी कोई पहलू है पर विदेश सचिव ने कहा कि सदस्य देश समान लक्ष्य को हासिल करने के लिए परस्पर सहयोग करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी वाशिंगटन में ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक करने के बाद न्यूयार्क रवाना होंगे। यहां वह 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें अधिवेशन को संबोधित करेंगे। विदेश सचिव ने कहा कि यह भारत की आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष तथा संयुक्त राष्ट्र भी अपनी 75वीं वर्षगांठ बना रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन की विषयवस्तु है, “कोविड-19 से उबरने की आशा के रूप में लचीलेपन का निर्माण करना, स्थायी रूप से पुनर्निर्माण करना, ग्रह की जरूरतों का जवाब देना, लोगों के अधिकारों का सम्मान करना और संयुक्त राष्ट्र को पुनर्जीवित करना।” मोदी इसपर बोलने वाले पहले वक्ता होंगे। प्रधानमंत्री अपने संबोधन में सीमा पार आतंकवाद सहित उग्रवादी विचारधारा के प्रसार के खतरे जैसे मुद्दों को उठायेंगे।
इस संबंध में वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 के अनुरूप अफगानिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों से मुक्त रखने तथा किसी अन्य देश के लिए खतरा न बनने पर भी जोर देंगे। मोदी आतंकवाद के सरपरस्त रूप में पाकिस्तान की भूमिका की ओर भी अंतराष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान आकृष्ट करायेंगे।
मोदी सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में सुधारों पर जोर देंगे। वे 26 सितंबर को स्वदेश लौट आयेंगे। कोरोना महामारी के कारण मोदी पहली बार किसी दूर देश की यात्रा कर रहे हैं। इसके पहले महामारी के दौरान उन्होंने केवल बांग्लादेश की यात्रा की थी।
साभार-हिस
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