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आयुष चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का प्रधानमंत्री को पत्र, कोविड उपचार में हो देशज पद्धतियों का इस्तेमाल

नई दिल्ली,  देश के लगभग 700 वैज्ञानिकों, इंजीनियरों एवं आयुष चिकित्सकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजकर कोविड-19 के खिलाफ चिकित्सा के लिये देशज पद्धतियों का पूर्ण एवं प्रभावी उपयोग करने का आग्रह किया है। पत्र वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के एक समूह पीपीएसटी की पहल पर भेजा गया है। पत्र में कोविड के प्रतिरोध एवं उपचार के लिये आयुष पर आधारित अनेक व्यापक एवं सफल प्रयासों का उल्लेख किया गया है। यह प्रयास सरकारी एवं निजी दोनों स्तर पर हुए हैं और इनसे देशज उपचारों की सुरक्षा एवं सफलता संबंधी प्रमाण मिले हैं, वह आयुष मंत्रालय को उपलब्ध हैं।

पत्र में कहा गया है कि इन प्रयासों की सफलता के परिप्रेक्ष्य में देशज चिकित्सा पद्धतियों को भारत की सामान्य चिकित्सा व्यवस्थाओं में औपचारिक स्थान देने पर विचार किया जाना चाहिए। ऐसा करने पर रोगियों को सब उपलब्ध उपचारों का लाभ मिल पायेगा। इससे देश की चिकित्सा व्यवस्थाओं में गुणात्मक सुधार की संभावना बनेगी। देशज वैद्यकी ज्ञान का पूरा उपयोग हो पायेगा एवं एक एकीकृत चिकित्सा व्यवस्था की स्थापना हो पायेगी। बड़े स्तर पर देशज पद्धतियों के उपयोग से देशज चिकित्सा प्रणालियों के सुरक्षित एवं प्रभावी होने संबंधी वैज्ञानिक रीति से बड़े स्तर पर प्रमाण एकतृत हो पायेंगे और देशज पद्धतियों को देश-विदेश में सम्मान प्राप्त होगा।
संजीवनी आयुर्वेद वैधशाल के पत्र को पीएलटी गिरिजा की ओर से भेजा गया है। इस पत्र में पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में 3 पद्मभूषण एवं 11 पद्मश्री से सम्मानित हैं। हस्ताक्षरकर्ताओं में 210 विज्ञान एवं अभियांत्रिकी से जुड़े विषयों में पी.एच.डी. हैं और 300 देशज पद्धतियों के वैद्य हैं। इन वैद्यों में 46 तमिलनाडु की सिद्ध पद्धति के विशेषज्ञ भी हैं।
साभार – हिस

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