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केंद्र सरकार ने पेटेंट संशोधन के लिए 9 मार्च तक सुझाव मांगे थे
नईदिल्ली/कोटा, देश में सभी मान्यता सरकारी एवं निजी उच्च शिक्षा संस्थानों को पेटेंट शुल्क में एक समान 80 प्रतिशत तक छूट दी जायेगी। इसमें यूनिवर्सिटी, कॉलेज एवं स्कूल भी शामिल होंगे। साथ ही, भारत सहित विदेशों में संचालित भारतीय शिक्षा संस्थानों के लिए भी पेटेंट शुल्क 4.2 लाख से घटाकर 85,000 रुपये कर दिया गया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को सीआईआई के एक कार्यक्रम में इस संबंध में घोषणा करते हुए बताया कि देश में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए दुनिया में सबसे कम पेटेंट शुल्क अब भारत में ही होगा।
इससे पहले, केद्रीय उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने पेटेंट (संशोधन) नियमावली, 2003 में संशोधन के प्रस्ताव पर 9 मार्च, 2021 तक सुझाव या आपत्तियां मांगी थी। पेटेंट कानून संशोधन पर हुई राष्ट्रीय परिचर्चा में कॅरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी, कोटा के चांसलर प्रमोद माहेश्वरी, ग्राफिक इरा डीम्ड यूनिवर्सिटी, देहरादून के कुलपति डॉ.राकेश शर्मा, गलगोटिया विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के डीन प्रो. अजीम खान पठान, पीएसआईटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कानपुर के निदेशक डॉ.अजीत कुमार शुक्ला, धर्मसिंह देसाई विश्वविद्यालय, नडियाद, गुजरात के निदेशक डॉ.अतींद्र शुक्ला, ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थकेयर मैनेजमेंट (जीआईएचएम) नईदिल्ली में फैकल्टी डॉ. संजय अग्रवाल एवं मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली में प्रोफेसर डॉ. रियाजुल कमर खान ने सरकार को सुझाव दिया था कि सरकारी एवं निजी शिक्षा संस्थानों को पेटेंट शुल्क में एक समान छूट दी जाये।
शिक्षा संस्थानों की ग्रेडिंग में सुधार होगा
आईपीआर विशेषज्ञ प्रो.अनिंद्य सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सभी मान्यता प्राप्त सरकारी एवं निजी शिक्षा संस्थानों में भी पेटेंट शुल्क में 80 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थान की मान्यता व ग्रेडिंग उसके द्वारा कराये गये शोध कार्यों एवं पेटेंट के मापदंडों से निर्धारित होती है। यूजीसी, नेट व एनआरआईएफ से मान्यता के लिए भी संस्थानों में पेटेंट अधिक होने चाहिए। ऐसे में सरकार के इस निर्णय से शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय पेटेंट की विश्वसनीयता बढे़गी
आईपी मोमेंट सर्विसेज के संस्थापक निदेशक डॉ.परेश कुमार सी. दवे ने कहा कि देश में इनोवेशन को बढावा देने के लिए सभी मान्यता प्राप्त निजी विश्वविद्यालयों और शिक्षा संस्थानों को पेटेंट शुल्क में 80 प्रतिशत की छूट मिलने से भारतीय पेटेंट की विश्वसनीयता बढ़ेगी। इसमें पेटेंट आवेदन, पंजीयन, नवीनीकरण को भी शामिल किया गया है। देश में आईपीआर एवं शोध कार्य बढ़ने से उच्च शिक्षा संस्थानों की वर्ल्ड रैंकिंग में सुधार होगा।
साभार – हिस