पटना . हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित कई मामलों की समीक्षा और सुनवाई करते हुए जिन जिन जिलों में राष्ट्रीय राज मार्ग बन रहा है वहां के जिलाधिकारियों से लिखित अंडरटेकिंग देने को मंगलवार को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि संबंधित जिले के डीएम अपने- अपने ज़िलों में दो से तीन महीने के अंदर ज़मीन का अधिग्रहण अवश्य कर इसे एनएचएआई को सुपुर्द कर देंगे। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ में सुनवाई के समय गया, जहानाबाद, वैशाली, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा एवं पटना के जिलाधिकारी वर्चुअल रूप से उपस्थित थे। इन जिलों के डीएम ने अपने- अपने ज़िलों में भूमि अधिग्रहण के मामलों एवं अवैध अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को दी।
खंडपीठ ने पहले भारत माला परियोजना के तहत बिहार में बनने वाली एक प्रतिष्ठित ग्रीन फ़ील्ड परियोजना, जो औरंगाबाद से शुरू होकर दरभंगा तक जाती है के बारे में जिलाधिकारियों से जानकारी ली एवं कहा कि जल्द से जल्द इस ग्रीन फ़ील्ड प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण कर के एनएचएआई को दे दें ताकि उस पर काम शुरू कराया जा सके। एनएचएआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस डी संजय ने बताया कि इस परियोजना के लिए लगभग 1300 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा बिहार में ज़मीन के लिए दिया जाना है, जिसके लिए अभी तक छह सौ करोड़ रुपये से ज़्यादा अनेक ज़िलों के भू -अर्जन पदाधिकारियों के समक्ष जमा कराया जा चुका है।बची हुयी राशि भी इस माह के अंत तक जमा करा दिया जाएगा। कोर्ट को बताया गया कि इसके बाद टेंडर करके ठेकेदार को दे दिया जाएगा। यदि ज़मीन मिलने में देरी होगी तो इस परियोजना में भी देर हो जाएगी।
इस पर सभी जिलाधिकारियों ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि आगामी 30 नवंबर तक वे भूमि अधिग्रहण का काम समाप्त कर एनएचएआई को सुपुर्द कर देंगे। एक अन्य मामले में हाजीपुर- मुज़फ़्फ़रपुर सड़क के लिए भी वहां के जिलाधिकारियों ने कोर्ट को बताया की रामाशीष चौक, हाजीपुर के आस- पास से सभी अतिक्रमण हटा दिया गया हैं। पुलिस थाना की बिल्डिंग ख़ाली कर दी गई है एवं बस स्टैंड तथा टैंपो स्टैंड वहां से हटा लिया गया है। इस पर कोर्ट ने एनएचएआई को निर्देश दिया है कि कल से ही उस पर काम शुरू करा दें। मामले पर अगली सुनवाई 18 अगस्त को की जाएगी है।
साभार – हिस