नई दिल्ली, दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने फारेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) की परीक्षा में एक गलत प्रश्न होने पर उस गलत सवाल का उत्तर देने वाले हर उम्मीदवार को एक अतिरिक्त अंक देने के सिंगल बेंच के आदेश पर 17 सितंबर तक की रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 17 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया है।
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस ने दायर याचिका में पिछले जुलाई में सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई है। दरअसल एसोसिशएन ऑफ एमडी फिजिशियंस ने सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर कर कहा था कि एफएमजीई की परीक्षा दिसंबर 2020 में आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में पूछा गया एक प्रश्न गलत था। याचिका में कहा गया था कि बहुविकल्पीय प्रश्न के चारों संभावित उत्तर तकनीकी रूप से गलत थे। सिंगल बेंच ने कहा था कि प्रश्नपत्र तैयार करने में नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन से गलती हुई है।
सिंगल बेंच ने कहा था कि इसका सबसे सही समाधान यही है कि जिस उम्मीदवार ने संबंधित प्रश्न का उत्तर दिया है उसे एक अतिरिक्त अंक दिए जाएं। उल्लेखनीय है कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स विदेशों से मेडिकल डिग्री लिए हुए डॉक्टर होते हैं। उन्हें भारत में प्रैक्टिस करने के लिए एफएमजीई की परीक्षा पास करनी होती है।
साभार – हिस
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