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दोनों राज्य सरकारों के बीच आपसी विश्वास बहाली के लिए उठाए जाएंगे कदम
संयुक्त बयान में कहा गया है कि असम और मिजोरम की सरकारें अंतर राज्यीय सीमाओं के आसपास व्याप्त तनाव को दूर करने और स्थायी समाधान खोजने के लिए सहमत हुई हैं। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय, असम तथा मिजोरम के मुख्यमंत्रियों की पहल का स्वागत करते हुए इसे और आगे बढ़ाने के लिए सहमति जताई है। मिजोरम सरकार के प्रतिनिधियों ने सीमा पर गत 26 जुलाई को हुई हिंसा में मारे गये लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
दोनों राज्य सरकारों ने भारत सरकार द्वारा तटस्थ बल की तैनाती का स्वागत किया। बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों राज्य अपने-अपने वन और पुलिस बलों को गश्त, वर्चस्व, प्रवर्तन या किसी भी ऐसे क्षेत्र में नई तैनाती के लिए नहीं भेजेंगे जहां हाल के दिनों में दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच टकराव या संघर्ष हुआ हो। इसमें असम के करीमगंज, हैलाकांदी और कछार जिलों के साथ ही मिजोरम के सीमाई ममित और कोलासिब जिले शामिल हैं। साझा बयान के अनुसार असम और मिजोरम की राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में असम और मिजोरम में रहने वाले लोगों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने, संरक्षित करने और स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए सहमत हुए हैं।
असम के लैलापुर में 26 जुलाई को सीमा विवाद में दोनों राज्यों की पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें असम के छह पुलिस कर्मी और एक आम नागरिक की मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद से ही दोनों राज्यों में भारी तनाव उत्पन्न हो गया। असम के लोगों ने मिजोरम की आर्थिक नाकेबंदी करते हुए मिजोरम जाने वाले वाहनों को असम में ही रोक दिया था जिसके चलते मिजोरम में जरूरी और अत्यावश्यक सामानों की किल्लत होने लगी है। इस संबंध में मिजोरम के मुख्य सचिव ने हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन कर राज्य में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत का हवाला दिया था।
साभार – हिस