नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद पार्टी को नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश करनी है। भाजपा में आमतौर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मुताबिक, सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने की परंपरा रही है।
भाजपा के संविधान की धारा-19 के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें राष्ट्रीय और प्रदेश परिषद के सभी सदस्य शामिल होते हैं। इससे पहले पार्टी को जिला से लेकर राज्य स्तर तक चुनाव की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी के निर्धारित नियमों के अनुसार ही कराया जाता है।
पार्टी संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति हो सकेगा जो कम से कम चार अवधियों तक सक्रिय सदस्य और कम से कम 15 वर्ष तक प्राथमिक सदस्य रहा हो। निर्वाचक मंडल में से कोई भी 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अर्हता रखने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव कर सकेंगे। यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम ऐसे पांच प्रदेशों से आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों। नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति आवश्यक है।
इससे पहले आम तौर पर देशभर में पार्टी सदस्यता अभियान भी चलाती है। ऐसे में इस सारी प्रक्रिया को पूरा होने में तीन से चार महीने का वक्त लगता है। यही वजह है कि निर्वाचन प्रक्रिया से गुजर कर राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में लगने वाले समय को देखते हुए पार्टी स्तर पर कई विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।
सूत्रों की माने तो, भाजपा पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने तक किसी नेता को उसी तरह से पार्टी का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है, जैसे 2019 में तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के कैबिनेट मंत्री बनने पर जेपी नड्डा को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्री और पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों का कामकाज देखते रहेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गृह मंत्री बनने पर जुलाई 2019 में नड्डा को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, इसके कुछ महीने बाद ही उन्हें तीन वर्षीय कार्यकाल के लिए सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने पार्टी के पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान 20 जनवरी 2020 को संभाली थी। उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में ही समाप्त हो गया था। लेकिन, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जेपी नड्डा के कार्यकाल को जून 2024 तक बढ़ा दिया गया था। उनका अध्यक्षीय कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है।
इसी वर्ष फरवरी 2024 में दिल्ली में हुए भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक में पार्टी संविधान में संशोधन करते हुए पार्टी के फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई संसदीय बोर्ड को आपात स्थिति में पार्टी अध्यक्ष से संबंधित फैसला लेने की शक्ति दी गई। पार्टी का संसदीय बोर्ड परिस्थिति के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल को बढ़ाने या घटाने का फैसला कर सकता है। भाजपा के संविधान की धारा-21 में अध्यक्ष के कार्यकाल का जिक्र है। इसके मुताबिक, कोई व्यक्ति तीन-तीन साल के लगातार दो कार्यकाल तक ही भाजपा का अध्यक्ष रह सकता है।
–आईएएनएस
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