काठमांडू। नेपाल के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से भारत के मोस्ट वांटेड दो आतंकियों को बिना किसी रोकटोक के दुबई भेजे जाने का खुलासा हुआ है। हाल ही में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने छापेमारी कर मानव तस्करी के आरोप में इमिग्रेशन विभाग के प्रमुख और गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव तीर्थराज भट्टराई को गिरफ्तार किया। वहां मौजूद रिकॉर्ड की जांच होने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है।
भारत ने मोस्ट वांटेड इन दोनों आतंकियों का पासपोर्ट ब्लैक लिस्टेड किया हुआ था और इसकी जानकारी भी नेपाल के सुरक्षा अधिकारियों को दी गई थी। भारतीय सुरक्षा बलों ने बाकायदा लिखित जानकारी देते हुए इन दोनों मोस्ट वांटेड आतंकियों की गिरफ्तारी के लिए अनुरोध किया था।नेपाल के इमिग्रेशन विभाग को इन दोनों ही आतंकियों के बारे में पूरी जानकारी थी। इसके बावजूद दोनों को बिना किसी रोकटोक के दुबई की उड़ान से तीन महीने पहले सुरक्षित फरार होने दिया गया।
ब्यूरो के प्रवक्ता राजेन्द्र पौडेल ने कहा कि पिछले एक वर्ष में मानव तस्करी की जांच करने के दौरान पाया गया कि जिन दो व्यक्तियों का पासपोर्ट ब्लैकलिस्टेड था, उनको भी बिना किसी रोकटोक के जाने दिया गया। उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए फरार हुए आतंकियों के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता रामचंद्र तिवारी ने बताया कि इस बारे में तीन महीने पहले ही भारतीय पक्ष की तरफ से शिकायत किए जाने के बाद एयरपोर्ट इमिग्रेशन के प्रमुख भट्टराई से स्पष्टीकरण पूछा गया था। इस पर भट्टराई ने बताया कि सर्वर में समस्या आने के कारण ब्लैकलिस्टेड पासपोर्ट की जानकारी नहीं मिलने से उन दोनों आतंकियों को जाने दिया गया। एक बार फिर से इस मामले का खुलासा होने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो और नेपाल पुलिस की केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो अलग-अलग जांच कर रही है।
साभार – हिस
