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35 ए एवं धारा 370 का दमन ऐतिहासिक फैसला-सुरेश पुजारी

  • बंगाल में घुसपैठियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय

  • हाईकोर्ट की स्थापना के लिए अधिवक्ताओं में सामंजस्य की आवश्यकता

  • सीएए एवं एनआरसी का स्वागत होना चाहिए

संबलपुर। भारत की सांसद द्वारा संविधान की धारा 35 ए एवं 370 को हटाना एक ऐतिहासिक फैसला है। देशहित में भारतीय जनता पार्टी ने यह फैसला लिया है। आनेवाले दिनों में इसका दूरगामी असर देखने को मिलेगा। बुधवार की दोपहर संबलपुर प्रेस क्लब में बुलाए गए मीट द प्रेस कर्यक्रम को संबोधित करते हुए बरगढ़ सांसद तथा वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेश पुजारी ने यह उदगार व्यक्त किया है। उपस्थित पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री पुजारी ने कहा कि17 वीं लोकसभा ने देश के हित में अनेकों कठोर फैसला लिया है। इस सत्र में देश की आशा एवं आशंकाओं को दूर करने का साहसिक कदम उठाया गया। इस सत्र को सदासर्वदा कठोर फैसले के लिए जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि17 वीं लोकसभा ने तीन तलाक जैसी कुरितियों को हटाने का काम किया। साथ ही 35 ए, 370 एवं सीएए जैसा कठोर कानून लाकर देश को सुरक्षित करने का अहम फैसला लिया है। उन्होंने कहा किसीएए को लेकर विपक्षी पार्टी लोगों में भम्र फैलाने का प्रयास कर रही है। वास्तव में इस एक्ट से भारतीय मुसलमानों को डरने की जरूरत है। यह एक्ट सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान में प्रताडि़त हिन्दु, सिक्ख, जैन, पारसी एवं क्रिश्चयन समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का काम करेगा। उपर्युक्त समुदाय के जो लोग वैध तरीके से भारत में शरण लिए हुए है, इस एक्ट के माध्यम से उन्हें सम्मान से जीने का अधिकार प्रदान किया जाएगा। किन्तु विपक्ष को इस फैसले को क्यों कष्ट हो रहा है, इसपर सवालिया निशान लगना उचित है। उन्होंने कहा किभारत धर्मशाला नहीं है। फिलहाल बांग्लादेशी घुसपैठ देश के लिए खतरनाक  साबित हो रहें है। पश्चिम बंगाल सरकार जिसपर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पैरोकर बनी हुई हेै, ओर वोट बैंक के चलते देश के हितों को दरकिनार कर रही है। अगर ऐसे ही बांग्लादेशी घुसपैठियों को प्रोत्साहन दिया जाता रहा तो बहुत जल्द पश्चिम बंगाल में एक और काश्मीर बनेगा, जो देश की एकता एवं अखंडता के लिए घातक सिद्ध होगा। श्री पुजारी ने आगे कहा किउनकी सरकार एक ही मूलमंत्र है। यदि भारत में रहना है तो भारत की संविधान को मानना ही पड़ेगा। इन हालातों में सीएए एवं एनआरसी को देश में स्वागत होना चाहिए। पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट बेंच स्थापना के मुद्दे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए श्री पुजारी ने कहा कि प्रदेश के किस जगह पर हाईकोर्ट बने नियमत: इसका निर्णय प्रदेश सरकार को लेना पड़ता है। किन्तु प्रदेश सरकार आजतक इस मुद्दे पर अपनी राय बना नहीं सकी है। पश्चिम ओडिशा के विभिन्न अधिवक्ताओं में भी इस बात को लेकर विवाद है। इन हालातों मेें पहले अंचल के अधिवक्ता संगठनों में सामंजस्य बनाने की जरूरत है। जिसके बाद ही इस मामले पर कोई उचित पदक्षेप उठाया जा सकता है। हीराकुद बांध के रखरखाव पर बोलते हुए श्री पुजारी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने हीराकुद बांध की मरम्मत के लिए 600 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। बहुत जल्द बांध में पड़े दरारों का मरम्मत आरंभ किया जाएगा। मीट द प्रेस का संचालन प्रेस कलब के अध्यक्ष त्रिविक्रम प्रधान एवं महासचिव भवानी भोई ने किया। कार्यक्रम में क्लब के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।

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