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Silver Filigree कटक की चांदी तारकासी को मिला जीआई टैग

कटक की चांदी तारकासी को मिला जीआई टैग

  • मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दी लोगों को शुभकामनाएं

कटक। कटक की सदियों पुरानी जटिल सिल्वर फिलाग्री उर्फ चांदी तारकासी को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग मिल गया है। बताया गया है कि साल 2021 में कटक सिल्वर फिलिग्री (‘हस्तशिल्प’ श्रेणी के तहत) के लिए जीआई टैग की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया गया था। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि कटक की सिल्वर फिलिग्री (चांदी तारकासी) के लिए जीआई टैग मिलना ओडिशा के लिए सम्मान की बात है।

पटनायक ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा है कि कटक के सिल्वर सिटी में प्रचलित सदियों पुराना परिष्कृत शिल्प हमारे राज्य को अपनी जटिल कारीगरी के लिए एक अलग पहचान देता है। इस अवसर पर ओडिशा के लोग, विशेषकर कटक और जिला प्रशासन को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं। सिल्वर फिलिग्री की मान्यता से निश्चित रूप से उन कारीगरों को मदद मिलेगी जो सदियों पुरानी कला को जीवित रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। यह उनके लिए आजीविका का साधन भी है। उत्कल गोल्ड एंड सिल्वर इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रह्मानंद महाराणा ने कहा कि लंबे समय के बाद हमें यह मान्यता मिली है। हालांकि इसमें देरी हुई है, आखिरकार हमें यह मिल गई है। हमारे उत्पाद अब लोकप्रिय होंगे।

उल्लेखनीय है कि ओडिशा राज्य सहकारी हस्तशिल्प निगम लिमिटेड ने 7 जुलाई, 2021 को कटक के फिलीग्री कार्य के लिए जीआई टैग के लिए आवेदन किया था। जीआई रजिस्ट्री ने कटक फिलाग्री काम के इतिहास और वर्तमान स्थिति का अध्ययन करने के लिए एक कंसल्टेंसी फर्म को नियुक्त किया था। बाद में चांदी के चांदी के काम पर 111 पेज की रिपोर्ट रजिस्ट्री के समक्ष दायर की गई। रिपोर्ट देखने के बाद रजिस्ट्री ने फिलीग्री कार्य को जीआई टैग प्रदान किया। जीआई टैग प्राप्त करने वाला फिलाग्री वर्क ओडिशा का 26वां उत्पाद है।

इस खबर को भी पढ़ेंः-कटक में 300 से अधिक भारतीय टेंट कछुए बचाए गए

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