Home / Odisha / चक्रवात मिचौंग हो सकता है अति गंभीर
चक्रवात मिचौंग हो सकता है अति गंभीर
चक्रवात मिचौंग हो सकता है अति गंभीर

चक्रवात मिचौंग हो सकता है अति गंभीर

  •  30 नवंबर को डिप्रेशन में तब्दील होगा निम्न दबाव का क्षेत्र

भुवनेश्वर। दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बनने वाला चक्रवात मिचौंग अति गंभीर रूप धारण कर सकता है। हालांकि इसके लैंडफॉल की सटीक जगह की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है और ना ही अभी तक ओडिशा पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर कोई चेतावनी जारी की गई है। डिप्रेशन के बाद लैंडफॉल के स्थान की स्थिति साफ होगी।

यह जानकारी देते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 30 नवंबर के आसपास बंगाल की दक्षिण-पूर्व खाड़ी के ऊपर एक दबाव में तब्दील होने की संभावना है। इसके बाद इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में और तेज होने की संभावना है। भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एचआर बिस्वास ने कहा कि सिस्टम का सटीक रास्ता तब पता चलेगा, जब यह डिप्रेशन में बदल जाएगा।

मंगलवार को कोरापुट, नवरंगपुर, कलाहांडी, नुआपड़ा, बलांगीर, बरगढ़, झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़, केंदुझर और मयूरभंज जिलों में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बारिश होने के बाद ओडिशा में चार दिनों तक शुष्क मौसम रहने की संभावना है।

3 दिसंबर को कोरापुट, रायगड़ा, गजपति, गंजाम, पुरी और जगतसिंहपुर में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बारिश फिर से शुरू होगी।

4 दिसंबर को मालकानगिरि, कोरापुट, रायगड़ा, गजपति, गंजाम, कंधमाल, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, भद्रक और बालेश्वर जिलों में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बारिश होने का भी अनुमान है। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में बन रहे सिस्टम के कारण मौसम एजेंसी ने अभी तक राज्य के लिए कोई चेतावनी जारी नहीं की है।

हालांकि, इसके प्रभाव में 1 दिसंबर से दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी से सटे मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। इसके झोंके की गति बढ़कर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इसके बाद अगले दिन हवा की गति 50 से 60 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकती है और झोंके की गति 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है। चूंकि समुद्र की स्थिति बहुत खराब से बहुत खराब होने की संभावना है। इसे देखते हुए मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 1 दिसंबर से मध्य बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्री क्षेत्रों में न जाएं।

Share this news

About admin

Check Also

ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर मुठभेड़ में एक माओवादी ढेर

जिला स्वैच्छिक बल का एक कमांडो घायल पैर में लगी दो गोलियां मालकानगिरि जिले में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *