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एक रॉयल बंगाल टाइगर चार राज्यों पार करते हुए तथा दो हजार किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ओडिशा के गजपति जिला पहुंच गया है। royal bengal tiger
  • नए क्षेत्र और साथी की तलाश में महाराष्ट्र से दो हजार किलोमीटर की दूरी की तय

  • देश में सबसे लंबा सफर करने के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंचा

गजपति। एक रॉयल बंगाल टाइगर चार राज्यों पार करते हुए तथा दो हजार किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ओडिशा के गजपति जिला पहुंच गया है। इस दौरान इसने पहले गजपति जिले के सतिषपुर गांव और फिर ऑनलाबार गांव में गाय की हत्या की थी, जिसके बाद आम जनता में भय और दहशत का माहौल बना हुआ है। गजपति पहुंचे इस बाघ पर वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ने कहा है कि महाबल बाघ महाराष्ट्र चंद्रपुर ब्रह्मपुरी वन प्रभाग का है। बाघ इतनी लंबी दूरी पार कर ओडिशा कैसे पहुंच गया, इसकी खूब चर्चा हो रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह बाघ साथी या फिर बेहतर वातावरण की तलाश में ओडिशा पहुंचा है। साल 2021 में इस बाघ को महाराष्ट्र में एक कैमरा ट्रैप में पाया गया था। हालांकि, इस बाघ ने छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से होते हुए लगभग 2 हजार किमी पार किया है, लेकिन कहीं भी किसी के नजर में आया। साथ ही यह भी पता नहीं चल पाया है कि बाघ किन परिस्थितियों में इतनी दूरी तय करके ओडिशा पहुंचा।

रास्ते दुर्लभ हैं

बताया जाता है कि बाघ का इतनी दूरी तय करते समय कई नदियों, कृषि क्षेत्रों, सड़कों और बस्तियों से गुजरा होगा। इस तरह के दुर्लभ रास्ते को पार करना दुर्लभ है। रास्ते में इसके किसी इंसान पर हमला करने का कोई निशान नहीं मिला।

बाघ की दूसरी सबसे लंबी यात्रा

कहा जा रहा है यह भारत में इस बाघ द्वारा तय की गई दूरी दूसरी सबसे लंबी यात्रा है। इससे पहले साल 2019 में महाराष्ट्र में वन्यजीव अधिकारियों ने नजर रखने के लिए महाराष्ट्र के टिपेश्वर वन्यजीव अभयारण्य से एक बाघिन को रेडियो-कॉलर लगाया था, जिसका नाम टीडब्ल्यूएलएस-टी1-सी1 रखा गया था। 13 महीनों में बैटरी खत्म होने से पहले इस बाघिन ने 3,017 किमी की दूरी तय की थी। यह क्षेत्र और साथी की तलाश में देश में किसी भी बाघ द्वारा तय की गई सबसे लंबी दूरी है।

महाराष्ट्र के ब्रह्मपुरी वन प्रभाग का होगा बाघ

वन्यजीव पीसीसीए एफ सुशांत नंद ने कहा कि परलाखेमुंडी में घूम रहे बाघ का सही ठिकाना पता लगाने के लिए बाघ की तस्वीरों को भारतीय वन्यजीव संस्थान भेजा गया है। इसकी धारियों को देखकर यह अनुमान लगाया गया है कि यह बाघ महाराष्ट्र के ब्रह्मपुरी वन प्रभाग से है। ई-इंडिया के वन्यजीव संस्थान ने पुष्टि की है कि यह शक्तिशाली बाघ अपना क्षेत्र बनाने या एक साथी खोजने के लिए ओडिशा आया होगा। या यह भी हो सकता है कि हमारे राज्य में अच्छे वन पर्यावरण की तलाश में इस बाघ ने इतनी लंबी दूरी तय की है। पीसीसीएफ ने कहा कि बाघ के अस्तित्व के कारण ओडिशा में बाघ के प्रजनन विस्तार के लिए यह एक अच्छी खबर है।

विशाल बाघ को लेकर स्थानीय लोगों में दहशत

गजपति में इस विशाल बाघ को लेकर स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। कुछ दिन पहले वन विभाग द्वारा बाघ को पकड़ने के लिए लगाए गए ट्रैप कैमरे में गाय को मारे जाने की तस्वीर कैद हुई थी। हालांकि वन विभाग बाघ पर कड़ी नजर रखे हुए है। गजपति वन विभाग कहना है कि बाघों की निगरानी के लिए पांच विशेष टीमों का गठन किया गया है।

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