भुवनेश्वर – नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने योजनाओं की राशि के उपयोग प्रमाणपत्र नहीं जमा करने पर राज्य सरकार की खिंचाई की है। बताया जाता है कि 31 मार्च, 2018 तक 38,427 करोड़ रुपये की बकाया राशि वाले विभिन्न संस्थाओं को दिए गए अनुदानों के लिए 28,529 उपयोग प्रमाणपत्र जमा नहीं किया गया है। कैग ने 2017-2018 वित्त वर्ष के लिए राज्य के वित्तीय मामलों पर विधानसभा में पेश अपनी हालिया रिपोर्ट पेश की है। इसमें कहा गया है कि इतनी अधिक संख्या में उपयोग प्रमाणपत्र (यूसी) के लंबित है। इससे धन के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का जोखिम अधिक है। गुरुवार को सदन में पेश रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि विशेष उद्देश्य के लिए उपलब्ध अनुदान सहायता के संदर्भ में अनुदानग्राहियों से विभागीय अधिकारियों को यूसी लेना होता है और फिर उसे अगले साल 30 जून तक प्रधान महालेखाकार को जमा कराना होता है। इसे जमा करने में देरी या जमा नहीं करने पर उपयोग पर पकड़ कमजोर होती है। कोष की हेराफेरी या दुरुपयोग का जोखिम भी अधिक होता है।
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