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ओडिशा विधानसभा -शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही हंगामा

  • नहीं चल सका प्रश्नकाल, कार्यस्थगन प्रस्ताव पर भी नहीं हो सकी चर्चा

भुवनेश्वर – ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही हंगामा शुरु हो गया । हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष से सदन की कार्यवाही को 11.18 से दोपहर तीन बजे तक स्थगित कर दिया । इस कारण प्रश्नकाल पूरा नहीं हो सका और कार्य स्थगन प्रस्ताव भी चर्चा नहीं हो सकी । प्रथमार्ध की बैठक केवल 18 मिनट ही चल सकी। बुधवार को निर्धारित कार्यसूची के अनुसार विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई । इसके बाद पहले दिवंगत विधायक  व शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद 11.11 बजे विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को शुरू करते हुए प्रश्नकाल का कार्यक्रम शुरू करना चाहा । उन्होंने विधायक मौषधी बाग के सवाल का उत्तर देने के लिए कृषि मंत्री अरुण साहू को बुलाया और साहु ने उत्तर पढ़ना शुरू कर दिया । उधर, कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने अपने सीट पर खडे़  होकर  प्रश्नकाल को रद्द कर स्मितारानी हत्या मामले में मोशन के जरिये  चर्चा करवाने की मांग की । विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने उनसे कहा कि उन्हें मिश्र का पत्र मिला है और उस पर वह आवश्य़क कार्रवाई कर रहे हैं । प्रश्नकाल को रद्द कर चर्चा कराने की एक विधि है । इसलिए श्री मिश्र जो बात कहना चाहते हैं वह प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में उठा सकते हैं । लेकिन श्री मिश्र इस पर राजी नहीं हुए और दोनों के बीच बहस होती रही । उधर, कांग्रेस के विधायकों  ने अपने पार्टी के नेता के समर्थन में सदन के बीच  में  आकर नारेबाजी करने लगे । इसी बीच प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक भी अपनी सीट पर खडे होकर कुछ कह रहे थे । लेकिन मंत्री साहु के उत्तर पढ़ने तथा कांग्रेस विधायकों के  हंगामे के बीच उनकी बात प्रैस गैलरी तक स्पष्ट नहीं हो पा रही थी । भाजपा विधायकों ने अपनी अपनी सीट पर खडे़ होकर विधानसभा अध्यक्ष से अपील कर रहे थे कि विपक्ष के नेता कुछ कहना चाहते हैं, इसलिए उन्हें सुना जाए । लेकिन हंगामा कम नहीं हो रहा था । भाजपा विधायकों ने भी सदन के बीच  में  आकर नारेबाजी करने लगे । इस  कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 11.18 से दोपहर तीन बजे तक स्थगित कर दिया ।

विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदन को  स्थगित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण – प्रतिपक्ष के नेता

विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र द्वारा  राज्य में कानून व्यवस्था व महिलाओं के उत्पीड़न के संबंध में चर्चा कराने की मांग किये जाने पर सदन को स्थगित कर देने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। विधानसभा को दोपहर तीन बजे तक स्थगित किये जाने के बाद प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने यह बात कही । उन्होनें कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था व महिलाओं के उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं । जाजपुर जिले में एक पंचायत की महिला कर्मचारी की हत्या का मामला सामने आया है । भारतीय जनता पार्टी इस मामले में चर्चा की मांग कर रही थी । रुल्स आफ बिजनेस में  प्रश्नकाल को स्थगित कर चर्चा कराने का प्रावधान है । लेकिन राज्य सरकार इस मामले में चर्चा कराने से बचना चाहती है । यही कारण है कि विधानसभा अध्यक्ष से इस पर चर्चा कराने के बजाय  सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया ।

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