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प्रधानमंत्री ने तिरुचिरापल्ली में राष्ट्र को समर्पित की हवाईअड्डा की नई इमारत

  • भारतीदासन विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रधानमंत्री

  • नई दुनिया का निर्माण कर रहे हैं भारतीय साहसिक युवा: प्रधानमंत्री मोदी

चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तिरुचिरापल्ली में नए हवाईअड्डा की इमारत का उद्घाटन किया। इस हवाई अड्डे की इमारत के निर्माण पर लगभग 1100 करोड़ रुपये की लागत आई है। साथ ही प्रधानमंत्री ने भारतीदासन विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित भी किया।

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तमिलनाडु के दौरे पर तिरुचिरापल्ली पहुंचे। मोदी ने यहां नए हवाईअड्डा की इमारत का उद्घाटन किया। इस मौके पर मोदी ने कहा कि इस हवाई अड्डे से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और इसके माध्यम से क्षेत्र के आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भीड़ प्रधानमंत्री को सुनने पहुंची। इस नए टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण पर 1100 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत आई है। इस दो मंजिला नई बिल्डिंग में सालाना 44 लाख से अधिक यात्रियों को सेवाएं दी जा सकेंगी। नया टर्मिनल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और वहीं व्यस्त समय में भी यहां लगभग 3500 यात्रियों को हवाई सेवाएं दी जा सकती हैं। त्रिचरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यात्रियों के अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रैफिक के लिहाज से तमिलनाडु में चेन्नई के बाद दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है।

प्रधानमंत्री मोदी सोमवार काे यहां सरकारी भारतीदासन विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में भी शामिल हुए। मोदी ने कवि भारतीदासन के ‘पुथियाथोर उलगम सेइवोम’ तमिल छंदों को उद्धृत करते हुए कहा कि इसका मतलब बहादुर लोगों की नई दुनिया का निर्माण करना है। यही विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य भी है। मोदी ने कहा कि भारतीय युवा पहले से ही ऐसी दुनिया बना रहे हैं। मोदी ने कहा कि भारतीय अन्वेषकों ने पेटेंट की संख्या कई गुना बढ़ गई है। हमारे नवप्रवर्तकों ने पेटेंट की संख्या 2014 में लगभग 4 हजार से बढ़ाकर अब लगभग 50 हजार कर दी है। भारत के विद्वान भारत की कहानी को दुनिया के सामने प्रदर्शित कर रहे हैं, इससे पहले कभी नहीं किया गया। भारतीय वैज्ञानिकों ने चंद्रयान जैसे मिशनों के माध्यम से विश्व मानचित्र पर अपनी पहचान बनाई है। मोदी ने कहा कि इसके अलावा देश के संगीतकार और कलाकार लगातार देश के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ला रहे हैं। बेहतर समाज और देश के लिए लोगों को शिक्षित करना ही शिक्षा का असली उद्देश्य है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1982 में स्थापित विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करने वाले नरेन्द्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने छात्रों के एक समूह से संक्षिप्त बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पूछा कि क्या कोई दिल्ली जाने का इच्छुक है, जिस पर दो महिला छात्रों ने हाथ उठाया। प्रधानमंत्री ने क्रांतिकारी तमिल कवि भारतीदासन (1891-1964) की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्होंने छात्रों, राज्यपाल आरएन रवि और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ समूह तस्वीरें भी खिंचवाई।
साभार -हिस

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