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ओडिशा और तेलंगाना ने जीएसटी के तहत राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए केंद्र के विकल्प-1 चुना

नई दिल्ली। जीएसटी के तहत राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए ओडिशा और तेलंगाना सरकार ने वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए दो प्रस्तावों में से विकल्प-1 प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। तेलंगाना सरकार के साथ अब तक 22 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुडुचेरी) ने विकल्प-1 को चुना है।
जिन राज्यों ने विकल्प-1 जीएसटी लागू होने के बाद, राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए विशेष उधारी खिड़की को चुना है, वह शॉर्टफाल (कम हुई) रकम, केंद्र सरकार से मिलने लगी है। इसके लिए विशेष उधारी खिड़की अब शुरू कर दी गई है। इसके तहत राज्यों के लिए भारत सरकार, 18 हजार करोड़ रुपये, तीन किस्तों में उधार भी ले चुकी है। इस रकम को 23 अक्टूबर 2020 से लेकर 9 नवंबर 2020 के बीच 22 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों को तीन किस्तों के तहत दिया जा चुका है। तेलंगाना सरकार अब इस विशेष खिड़की का इस्तेमाल कर रही है। ऐसी संभावना है कि अगली किस्त 23 नवंबर 2020 को जारी की जाएंगी।
विकल्प-1 के तहत राज्यों को जहां उधारी के लिए विशेष खिड़की का मौका मिल रहा है, वहीं राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद का 0.50 फीसदी अतिरिक्त राशि के रूप में उधार लेने का अवसर मिलता है। राज्य इस सुविधा का लाभ बिना किसी शर्त के अंतिम किस्त के समय ले सकेंगे। इसके अलावा राज्य, केंद्र सरकार द्वारा 17 मई 2020 को शुरू किए गए आत्मनिर्भर अभियान के तहत 2 फीसदी अतिरिक्त रकम, उधारी के रूप में भी ले सकेंगे। यह राशि विशेष उधारी खिड़की के तहत लिए गए 1.1 लाख करोड़ रुपये से अतिरिक्त होगी। तेलंगाना सरकार द्वारा आज विकल्प-1 का चयन करने के बाद, भारत सरकार ने राज्य सरकार को अतिरिक्त राशि (राज्य की सकल घरेलू उत्पाद के 0.50 फीसदी के बराबर) 5,017 करोड़ रुपये को जारी करने की अनुमति दे दी है।
विकल्प-1 को अभी तक आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित तीन केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुडुचेरी ने चुना है। 22 राज्य और 3 केंद्रशासित प्रदेशों को विशेष खिड़की के तहत और अतिरिक्त राशि के तहत कितनी रकम अभी तक दी गई है, वह सूची में दी गई है।
राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद के बराबर 0.50 फीसदी रकम को विशेष उधारी खिड़की के तहत दी जाने वाली रकम को 17-11-2020 को पारित कर दिया गया है।

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