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सरकार द्वारा कोविद-19 के चिकित्‍सा क्षेत्रों में किए गए प्रयासों के लिए सलाम

लेखक- बीएन शुक्ला, सीएमडी, एमसीएल, संबलपुर

कोरोना वायरस से संक्रमित होने और अस्पताल में भर्ती होने पर एमसीएल के सीएमडी भोलानाथ शुक्‍ला ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि कोविद-19 से लड़ने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों, उचित योजना के साथ-साथ समय पर कार्रवाई व बेहतर स्‍वस्‍थ सेवा प्रावधान कर व्‍यक्ति कैसे पुन: स्‍वस्‍थ होकर वापस आते हैं, उसकी जानकारी दी. लगभग दो हफ्ते पहले, मुझे एक राज्यसभा समिति के बैठक में भाग लेने के लिए नई दिल्ली जाना पड़ा. संबलपुर से नई दिल्ली के बीच यह एक लंबी दूरी की यात्रा थी और मुझे वहां कुछ दिनों तक रहना पड़ा. जब सभी संभावित सावधानी बरत रहा था और कोविद-19 के सभी मानदंडों का पालन कर रहा था. मैं वापस आने पर खुद को अलग रखा और घर पर आइसोलेशन में रहते हुए कार्यालय का काम किया. हालांकि इस बार कोरोना वायरस से दूर रहने के मेरे सभी प्रयास विफल रहे, क्योंकि मुझमें संक्रमण के हल्के लक्षण दिखे. मैंने परीक्षण किया और 16 अक्टूबर, 2020 को संक्रमण होने की जानकारी मिली. डॉक्टरों की सलाह पर मुझे भुवनेश्वर में ओडिशा सरकार के समर्पित कोविद-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया. कल मैं स्‍वस्‍थ्‍य व सकुशल होकर घर वापस आया हूँ. एक सप्ताह तक अस्पताल में रहने और तौर तरीकों को बारीकी से देखने के बाद डॉक्टरों, नर्सों और अन्य पैरा-मेडिकल स्टाफ के लिए मेरा दिल उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा करता रहा है. वे अपने रोगियों की देखभाल अपने परिवार से अधिक कर रहे थे और उनका दृष्टिकोण इतना सकारात्मक और उत्साहजनक था कि चाहे वह दैनिक चिकित्सा जांच हो या अन्य दिनचर्या हो डॉक्टर, नर्स और सहायक हमेशा रोगियों को प्रेरित और आशान्वित करते रहते थे. दूसरी तरफ, भारत सरकार के दूरदर्शी दृष्टिकोण और ओडिशा प्रशासन द्वारा बुनियादी तौर से  क्रियान्वयन करने में सक्षम हो पया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में महामारी का काफी हद तक नियंत्रण किया जा सका है. कोविद-19 के खिलाफ लड़ने के लिए ओडिशा सरकार राज्य में एक रीढ़ की हड्डी की तरह डटा रहा और सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र सहित सभी हितधारकों को कुशलता से शामिल करते हुए कोविद-19 के सबसे कम मृत्यु दर दर्ज करने के साथ साथ अधिक संक्रमण रोगियों को स्‍वस्‍थ करने में सक्षम हो सका. कोरोना वायरस के साथ लंबी लड़ाई में ओडिशा सरकार के साथ भागीदारी होना महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) के लिए एक सम्‍मान की बात है. एमसीएल ने राज्य सरकार और एक निजी स्‍वस्‍थय सेवा प्रदाता के साथ मिलकर दो कोविड-19 अस्‍पताल,  भुवनेश्वर में (525 बेडेड) एवं तालचेर में 150 बेडेड तथा 31 गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रदान करने के लिए समर्पित की. इसके अलावे झारसुगुड़ा जिले में 50 बेडेड कोविद केयर सेंटर स्थापित किए गए एवं सुंदरगढ़ में 20 बेडेड, अनुगूल में 15 बेडेड और सम्‍बलपुर में 50 बेडेड अस्‍पताल शामिल            हैं. संतोषजनक बात यह है कि 30 सितंबर, 2020 तक इन दो समर्पित कोविद-19 अस्पतालों से 8,200 से अधिक करोना रोगियों का मुफ्त इलाज किया गया और अस्पतालों से वे स्‍वस्‍थ्‍य होकर वापस घर लौटे हैं. 30 सितंबर, 2020 तक वायरस संक्रमण के खतरे की जांच के लिए कई गतिविधियों एमसीएल द्वारा किया गया. इसके लिए रू 53.88 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. कोविद -19 महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों व इस तरह की सुविधा व इलाज को देखकर मेरे अपने अनुभव ने मेरे विश्वास को मजबूत किया है कि प्रशासन के ठोस प्रयासों ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी से निश्चित रूप से इस महामारी को हराने में सक्षम हो सकेंगे.

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