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हिंदी के कारण विदेशों में भारतीयों एवं भारतीय संस्‍कृति की बढ़ी प्रतिष्‍ठा – शुक्ला

  • कहा- हमें अपनी भाषा पर गर्व है, जो स्‍वत: विकास के पथ पर है अग्रसर

  • एमसीएल में हिन्दी दिवस एवं राजभाषा पखवाड़ा-2020 का उद्घाटन समारोह सम्‍पन्‍न

संबलपुर. महानदी कोलफील्‍ड्स लिमिटेड मुख्‍यालय, जागृति विहार में बीएन शुक्‍ला, अध्‍यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक की अध्‍यक्षता एवं ओपी सिंह, निदेशक तकनीकी (संचालन) तथा बबन सिंह, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एमसीएल की उपस्थिति में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हिंदी दिवस मनाया गया एवं राजभाषा पखवाड़ा-2020 का उद्घाटन समारोह सम्‍पन्‍न हुआ. कार्यक्रम में केडी प्रसाद, महाप्रबंधक (प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान/राजभाषा) एवं मुख्‍यालय के महाप्रबंधक/ विभागाध्‍यक्षगण उपस्थित हुए. अध्यक्ष महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा देश विभिन्‍न भाषा-भाषी एवं संस्‍कृति का देश है. प्राचीन समय मेँ भाषा के रूप मेँ संस्कृत का प्रयोग होता था, जिसके कारण भारत को अक्षुण्ण भारत के रूप देखा जाता था. धीरे-धीरे राज्य बनते गए, भाषाएँ बढ़ती गई और हिन्दी की पहचान संपर्क भाषा के रूप में होने लगी. इस संदर्भ में उन्‍होंने सन 1857 के स्‍वतंत्रता संग्राम का भी जिक्र करते हुए कहा कि उस समय एक दूसरे से सम्पर्क करने के लिए रोटी और कमल का संकेत के रूप में प्रयोग हुआ था. हिंदी देश को एक सूत्र में पिरोए रख सकती है.

उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा के कारण विदेशों में भारतीयों एवं भारतीय संस्‍कृति की प्रतिष्‍ठा बढ़ी है. हमें अपनी भाषा पर गर्व है, जो स्‍वत: विकास के पथ पर अग्रसर है. भाषा में जो भावना होती है, उस भाव से हमारी पहचान होती है. भाषा के साथ-साथ हमें अपने कर्मों को भी सही रखना होगा तभी हमारी पहचान विश्व स्तर पर होगी. भारत के हर प्रांत के लोग विदशों में अपनी संस्‍कृति की छाप छोड़ रहे हैं. हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है जो हमारा राष्‍ट्रीय गौरव है. ओपी सिंह, निदेशक तकनीकी (संचालन) ने अपने संबोधन में कहा कि देश में हिन्दी भाषा के प्रयोगकर्ताओं में निरंतर वृद्धि हो रही है. हिन्दी आज आम लोगों की भाषा हो गई है तथा इसके बोलने एवं समझने की संख्या में वृद्धि हो रही है. हमें अपने कार्यालयीन कार्यों में अधिक से अधिक सरल हिन्दी का प्रयोग करना चाहिए.

बबन सिंह, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि धरती के हर प्राणी की अपनी भाषा होती है. भाषा के माध्यम से ही हम अपने विचारों को अच्छे से व्यक्त कर सकते हैं. किसी भी राष्ट्र के विकास में भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसके पूर्व केडी प्रसाद, महाप्रबंधक (प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान/राजभाषा) ने अध्‍यक्ष महोदय, निदेशकगण एवं उपस्थित पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमें हिन्दी के विभिन्न आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए कार्यालयीन कार्यों में अधिक से अधिक राजभाषा हिंदी का प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने पखवाड़े के दौरान आयोजित होनेवाली विभिन्‍न हिंदी प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक संख्‍या में प्रतिभागिता करने हेतु अधिकारियों/कर्मचारियों से अनुरोध किया. इस अवसर पर माननीय कोयला मंत्री, भारत सरकार एवं अध्‍यक्ष महोदय, कोल इंडिया लिमिटेड के संदेश का वाचन किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में बीआर साहू कलिहारी, उप प्रबंधक(सचिवीय/राजभाषा), मुनमुन अग्रवाल, तरुण विकास महापात्र एवं राजभाषा टीम की भूमिका सराहनीय रही.

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