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गणना में 10 प्रजातियों के कुल 97,866 पक्षी पाए गए
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घोंसले की संख्या है 21,185
केंद्रापड़ा. जिले के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी पायी गयी है. वार्षिक पक्षी जनगणना के अनुसार गणना पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 9252 संख्या अधिक पायी गयी है. इस साल राष्ट्रीय उद्यान में 10 प्रजातियों के कुल 97,866 पक्षी पाए गए. इस वर्ष घोंसले की संख्या 21,185 है, जो पिछले वर्ष की पक्षी जनगणना से 1959 अधिक है. राजनगर के प्रभागीय वनाधिकारी विकास रंजन दास ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कुल 21,185 घोंसले पाए गए और 97,866 पक्षियों की पहचान की गई है. राष्ट्रीय उद्यान के अंदर मठियाडीह में और पार्क के बाहर स्थित लक्ष्मीप्रसाद डीह तथा दुर्गा प्रसाद डीह में घोंसले पाए गए. उन्होंने बताया कि हर साल पांच वन कर्मचारियों के साथ दो टीमें पक्षियों की गणना करती हैं. कपरखाई, अंजना, रानी बागा, पानिकुआ, गेंडालिया और खैरा जैसी कुछ पक्षियों की ऐसी प्रजातियां हैं, जो मानसून के दौरान भितरकनिका में आती हैं. ये पक्षी गुआन, बानी और केरूआ के पेड़ों में घोंसले बनाते हैं. इस साल सबसे ज्यादा पहचानी जाने वाली प्रजाति गेंडलिया है. भितरकनिका को आवासीय पक्षियों के लिए स्वर्ग के रूप में जाना जाता है. इस वर्ष पक्षियों की संख्या में वृद्धि के कारण भी हैं, क्योंकि यहां पर्याप्त भोजन की उपलब्धता और अच्छे मौसम की स्थिति प्रमुख कारण हैं. मानसून के दौरान, कैस्पियन सी, लेक बैकाल, रूस के सुदूर हिस्सों, मध्य और दक्षिण-पूर्व एशिया, लद्दाख और हिमालय जैसे दूर-दूर से प्रवासी पक्षी हजारों की संख्या में यहां पहुंचते हैं और अक्टूबर के अंत तक अपने बच्चों के साथ घर लौट आते हैं.