Home / Entertainment / जब भी कोई कोरोना आएगा हिंदू-मुस्लिम-सिख ईसाई एक हो जाएगा-एक कविता

जब भी कोई कोरोना आएगा हिंदू-मुस्लिम-सिख ईसाई एक हो जाएगा-एक कविता

देखो आसमान में चिड़िया आई है।

उसके चहकने की आवाज भी सुनाई दे रही है।

सड़क पर कुत्ते भी बात कर रहे हैं।

यह बात अलग है कि वह भूखे हैं।

कलाई पर बंधी घड़ी की टिक टिक भी सुनाई दे रही है।

कलेजे पर हाथ रखने से ह्रदय की धड़कन भी सुनी जाती है।

चारों ओर सन्नाटा है।

पत्तों की सरसराहट कोयल की कुहू-कुहू

कव्वे की कांव-कांव सुनाई दे रही है।

जिस शहर में सिर्फ हार्न सुनाई देते थे।

वहां पर सड़क आपको बुला रही है।

एकांतवास आपको सोचने पर मजबूर कर रहा है।

रास्ते पर खड़ी गाय सोच रही है कि मुझे कोई रोटी खिलाएगा।

ड्यूटी पर खड़ा सिपाही प्यार का गीत गुनगुना रहा है।

ना ट्रैफिक सिग्नल है ना सिग्नल को मानने वाला।

सूरज अकेला खड़ा सोच रहा है।

कब रात हो और मैं तारों से मिलने

जाऊं चंदा को साथ लेकर।

चंदा भी इंतजार कर रहा है सूरज के साथ का।

ना कोई धर्म है ना कोई जाति है।

न हिंदू चिल्ला रहा है

ना मुस्लिम चिल्ला रहा है।

मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारे और चर्च सभी मौन हैं।

राम-रहीम-नानक और ईसा

अपने-अपने पूजा स्थलों के बाहर बैठकर आदमी को देख रहे हैं।

पहली बार आदमी परेशान है

और यह चारों बैठकर ताश खेल रहे हैं।

चौपाल का यह नजारा देखकर

सारे नेता शर्म के मारे अपना मुंह छुपा रहे हैं।

इनको आज पता चला जब भी कोई कोरोना आएगा

हिंदू-मुस्लिम-सिख ईसाई एक हो जाएगा।

मानव एकता जिंदाबाद।

किशन खंडेलवाल, भुवनेश्वर

Share this news

About desk

Check Also

मुकेश छाबड़ा का खुलासा, रामायण में राम की भूमिका के लिए रणबीर कपूर को क्यों चुना

मुंबई ,बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म को लेकर चर्चा में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *