कुछ इसलिये नाराज थे
कि हमने होली क्यों मनाई।
कुछ इसलिए नाराज थी कि
हमने होली क्यों नहीं मनाई।
कुछ से कोरोना नाराज था
कुछ से कोरोना नाराज थी।
मोदी और नवीन के घर कोई नहीं
पर कोरोना की आवाज थी।
ममता से कोरोना नाराज
चल रहा है कि वो डरी नहीं।
यायावती भी अभी तक
कोरोना से डरी नहीं।
नानी बाई भी कोरोना बाई से
लड़कर हार गई।
कोशिश बहुत की मगर
अंत मे सब बेकार गई।
ईश्वर से अरदास है कोरोना बहन
मेरे देश में तुम आना मत।
जैसा कमलनाथ को सताया
वैसा किसी को सताना मत।
हम पिज्जा और बर्गर के मारे
कैंसर के मरीज बेचारे।
पहले ही बीमार चल रहे हैं
तेरे डर से मर जायेंगे सारे।
तू भारत में न आने का
कोई न कोई बहाना तलाश कर।
मेरे देश पर रहम कर और
चाइना में ही स्थाई निवास कर।
किशन खंडेलवाल, भुवनेश्वर