उदयपुर। भाजपा की दूसरी सूची में उदयपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से ताराचंद जैन को प्रत्याशी घोषित करने के साथ ही उदयपुर के उपमहापौर पारस सिंघवी ने जोर-शोर से बगावत का बिगुल बजा दिया है। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ शनिवार शाम को मीरा सामुदायिक भवन में बैठक में यह भी कह डाला कि उदयपुर के पूर्व विधायक और वर्तमान में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया असम में बैठकर उदयपुर की राजनीति को दूषित कर रहे हैं।
मीडिया को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि लगातार पार्टी में सक्रिय और शहर की समस्याओं के लिए जूझने वाले कार्यकर्ता को दरकिनार कर दिए जाने से आम कार्यकर्ता भी आहत है। सिंघवी ने कहा कि वह संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों से आग्रह करते हैं कि उदयपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी के चयन पर पुनर्विचार करें और आम कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करें। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे या नहीं, लेकिन उनके सुर बगावत की ओर ही इशारा कर रहे हैं। मीडिया को दिए गए अपने बयान के बाद उदयपुर भाजपा की राजनीति के समीकरणों में बवाल मच गया है। अब देखना यह है कि पारस सिंघवी ताल ठोक कर खड़े रहते हैं अथवा समझाइश के बाद मान जाते हैं। यदि वे ताल ठोक कर खड़े रहते हैं तो तय है कि भाजपा को उदयपुर में मुश्किल हो सकती है। इधर, सिंघवी के समर्थकों द्वारा रविवार को अनशन के माध्यम से अपने विरोध का सन्देश देने की बात सामने आई है।