पहले, इक्विटी अकाउंट जीरोधा ब्रोकिंग लिमिटेड के तहत खोले जाते थे, जबकि कमोडिटी खातों का प्रबंधन जीरोधा कमोडिटीज लिमिटेड के तहत किया जाता था। ग्राहकों को हर खाते में अलग-अलग धनराशि जमा करने की जरूरत होती थी।

नई दिल्ली। अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी को अनिश्चितता और इंडो-यूएस ट्रेड डील में हो रही देरी …