पहले, इक्विटी अकाउंट जीरोधा ब्रोकिंग लिमिटेड के तहत खोले जाते थे, जबकि कमोडिटी खातों का प्रबंधन जीरोधा कमोडिटीज लिमिटेड के तहत किया जाता था। ग्राहकों को हर खाते में अलग-अलग धनराशि जमा करने की जरूरत होती थी।

बाजार की कमजोरी से निवेशकों को 1.72 लाख करोड़ का नुकसान नई दिल्ली। ब्याज दरों …