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तुर्किये और अजरबैजान की यात्राओं के बहिष्कार का आह्वान

  • कैट महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा-तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापार भी करेंगे बंद

नई दिल्ली। कारोबारियों के शीर्ष संगठन कॉन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) चीन, तुर्की तथा अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन करने पर देशभर के व्यापारियों एवं जनता से इन देशों की यात्राओं का पूर्ण बहिष्कार करने का आह्वान किया है। दरअसल, कैट विगत कई वर्षों से चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का अभियान चलाए हुए है, जिसका व्यापक असर पड़ा है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चांदनी चौक से भाजपा सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बुधवार को यह आह्वान करते हुए कहा कि यदि भारतीय नागरिक तुर्किये और अजरबैजान की पाकिस्तान के प्रति समर्थन के विरोध में इन देशों की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो इसका इन देशों की अर्थव्यवस्था, विशेषकर पर्यटन क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। उन्‍होंने कहा कि तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापार बंद करने के मुद्दे पर अंतिम निर्णय 16 मई को कैट द्वारा नई दिल्ली में आयोजित देश के प्रमुख व्यापारी नेताओं के एक राष्ट्रीय सम्‍मेलन में लिया जाएगा।
खंडेलवाल ने कहा कि देशभर के व्‍यापारी और जनता तुर्किये और अजरबैजान की यात्राओं का पूर्ण बहिष्कार करें और इन दोनों देशों द्वारा भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन करने पर करारा जवाब दें। तुर्किये और अजरबैजान की यात्राओं के बहिष्कार को लेकर कैट इस संबंध में ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर्स संगठनों सहित विभिन्न अन्य संबंधित वर्गों से संपर्क कर इस अभियान को तेज करेगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार तुर्किये में कुल विदेशी आगमन 62.2 मिलियन पर्यटक का था, जिसमें अकेले भारत से करीब 3 लाख पर्यटक थे। वर्ष 2023 की तुलना में भारतीय पर्यटकों की 20.7 फीसदी की वृद्धि थी। खंडेलवाल ने कहा कि तुर्किये का कुल पर्यटन राजस्व 61.1 अरब डॉलर है। इस तरह एक भारतीय पर्यटक का औसत खर्च 972 डॉलर होता है। इस लिहाज से भारतीय पर्यटकों का कुल अनुमानित खर्च 291.6 मिलियन डॉलर के करीब होता है।
खंडेलवाल ने कहा की यदि भारतीय पर्यटक तुर्किये की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो तुर्किये को लगभग 291.6 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष नुकसान होगा। इसके अलावा भारतीय पर्यटकों द्वारा आयोजित विवाह, कॉर्पोरेट कार्यक्रम और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के रद्द होने से अप्रत्यक्ष रूप से और भी आर्थिक नुकसान हो सकता है।
अजरबैजान में भारतीय पर्यटकों का जिक्र करते हुए खंडेलवाल ने कहा कि यहां वर्ष 2024 में कुल विदेशी आगमन लगभग 2.6 मिलियन पर्यटक था, जिसमें भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 2.5 लाख थी और प्रति भारतीय पर्यटक औसत खर्च: 2,170 AZN था जो लगभग 1,276 डॉलर होता है। इस लिहाज से भारतीय पर्यटकों का खर्च 308.6 मिलियन डॉलर के करीब अजरबैजान में होता है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से अजरबैजान को लगभग 308.6 मिलियन डॉलर प्रत्यक्ष नुकसान होगा।
कैट महामंत्री ने कहा कि चूंकि भारतीय पर्यटक मुख्‍य रूप से अवकाश, मनोरंजन, विवाह, और साहसिक गतिविधियों के लिए अजरबैजान जाते हैं, ऐसे में इन क्षेत्रों में भी आर्थिक मंदी बड़े पैमाने पर हो सकती है। इस आर्थिक नुकसान से तुर्किये और अजरबैजान पर भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने का दबाव भी बढ़ सकता है। वहीं, पर्यटन से होने वाले सांस्कृतिक आदान-प्रदान में कमी भी होगी तथा दोनों देशों के स्‍थानीय व्यवसायों पर विपरीत प्रभाव भी पड़ेगा। इसके अलावा इन देशों के होटल, रेस्तरां, टूर ऑपरेटर और अन्य संबंधित व्यवसायों को भी नुकसान होगा।
साभार – हिस

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