Home / BUSINESS / ग्लोबल ट्रेड वॉर और फार्मा सेक्टर के प्रेशर में ढह गया घरेलू शेयर बाजार

ग्लोबल ट्रेड वॉर और फार्मा सेक्टर के प्रेशर में ढह गया घरेलू शेयर बाजार

  •  फार्मास्यूटिकल सेक्टर के साथ ही आईटी और मेटल सेक्टर के शेयरों में भी मचा हाहाकार

नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट का शिकार हो गया। आज की गिरावट के लिए कमजोर ग्लोबल संकेतों के साथ ही मुख्य रूप से ग्लोबल ट्रेड वॉर शुरू होने की आशंका और फार्मास्यूटिकल सेक्टर पर जल्द ही सख्त अमेरिकी टैरिफ का बोझ डालने के संकेत को जिम्मेदार माना जा रहा है। बाजार में आज मचे हड़कंप के कारण निवेशकों के करीब पौने दस लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। फार्मास्यूटिकल सेक्टर के साथ ही आईटी और मेटल सेक्टर के शेयरों में भी आज हाहाकार मचा रहा।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान करके वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर की आशंका को हवा दे दी है। इसके बाद चीन, कनाडा, यूरोपियन यूनियन और वियतनाम जैसे देशों ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का ऐलान किया है। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है कि दुनिया भर के स्टॉक मार्केट फिलहाल अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से बाजार की स्थिरता को लेकर असमंजस काफी बढ़ गया है, क्योंकि अगर अपने ऐलान के मुताबिक चीन, यूरोपीय यूनियन, कनाडा और वियतनाम जैसे देशों ने जवाबी टैरिफ का सहारा लिया, तो बाजार की अस्थिरता और बढ़ जाएगी। इससे ग्लोबल इकोनामी पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इसके साथ ही ग्लोबल ग्रोथ रेट भी प्रभावित होगा।
धामी का कहना है कि अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर भी भारी भरकम यानी 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे भारतीय निर्यात पर तुरंत प्रभाव से बुरा असर पड़ेगा। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका को जन्म देकर वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी का डर बना दिया है। अमेरिका में भी आर्थिक मंदी का खतरा नजर आने लगा है। इसकी वजह से दुनिया के दूसरे देशों की तरह ही भारतीय शेयर बाजार में भी आज बड़ी गिरावट का रुख बना रहा।
इसी तरह खुराना सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप ने फार्मास्यूटिकल सेक्टर पर भी जल्द ही टैरिफ लगाने का संकेत दिया है। ट्रंप ने साफ कर दिया है कि फार्मा सेक्टर पर ऐसा टैरिफ लगाया जाएगा, जैसा पहले कभी नहीं था। साफ है कि फार्मास्यूटिकल सेक्टर पर भी डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ का चाबुक पड़ने वाला है। इसी वजह से आज फार्मास्यूटिकल सेक्टर में भी जबरदस्त गिरावट का रुख बना रहा। चौतरफा बिकवाली के कारण फार्मास्यूटिकल इंडेक्स 4.5 प्रतिशत से अधिक टूट गया। इस इंडेक्स में शामिल ल्यूपिन, अरबिंदो फार्मा और आईपीसीए लैब्स के शेयर 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट का शिकार हो गए। फार्मास्यूटिकल सेक्टर में बने दबाव का असर भी आज घरेलू शेयर बाजार के परफॉर्मेंस पर साफ-साफ नजर आया।
इसी तरह ग्लोबल मार्केट के कमजोर संकेतों ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट्स को काफी प्रभावित किया। पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी बाजार 2020 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट का शिकार हो गए थे। इसका असर आज एशियाई बाजारों पर भी देखा गया। एशिया में निक्केई इंडेक्स तीन प्रतिशत से अधिक टूट गया, वहीं कोस्पी इंडेक्स भी दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट का शिकार हो गया। स्पष्ट रूप से इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा और निवेशक घबराहट में बिकवाली करते रहे।
इस संबंध में कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ राजीव दत्ता का कहना है कि घरेलू शेयर बाजार में आज आई गिरावट के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली भी एक प्रमुख कारण रही है। रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान होने के बाद विदेशी निवेशकों ने गुरुवार को 2,806 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने सतर्कता बरतते हुए सिर्फ 221.47 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिसकी वजह से बाजार में व्यापार असंतुलन की स्थिति बन गई। इसका असर आज के कारोबार पर भी पड़ा। आज बाजार में शुरू से ही निगेटिव माहौल बना हुआ था। ऐसे में गुरुवार के दबाव ने बाजार को गिराने में और बड़ी भूमिका निभाई।
साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

सीबीडीटी ने ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर की

नई दिल्‍ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने करदाताओं को बड़ी राहत दी है। सीबीडीटी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *