Mon. Apr 14th, 2025

नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार से विदेशी पोर्टफोली निवेशकों (एफपीआई) ने पैसा निकालने का सिलसिला लगातार जारी कर रखा है। मार्च के पहले दो सप्ताह में एफपीआई ने शेयर बाजार से 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निकासी कर ली है। इस तरह मार्च के महीने में भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शुद्ध बिकवाल (सेलर) की भूमिका में ही बने हुए नजर आ रहे हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने स्टॉक मार्केट से जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये की निकासी की थी। फरवरी में एफपीआई ने घरेलू शेयर बाजार से 34,574 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह इस साल अभी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक स्टॉक मार्केट से 1.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी कर चुके हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक इस महीने 3 मार्च से 13 मार्च के दौरान 9 कारोबारी दिनों में एफपीआई ने स्टॉक मार्केट से शुद्ध रूप से 30,015 करोड़ रुपये निकाले हैं। यह लगातार 14वां सप्ताह है, जब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शुद्ध बिकवाल की भूमिका में बने हुए हैं।
जहां तक इंडियन बॉन्ड मार्केट की बात है, तो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मार्च के महीने में अभी तक जनरल लिमिट के तहत बॉन्ड में 7,355 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वॉलंटरी रिटेंशन रूट से 325 करोड़ रुपये की निकासी भी की है। 2024 में आखिरी 2 महीने के दौरान हुई जोरदार बिकवाली के कारण एफपीआई का भारतीय बाजार में निवेश काफी कम होकर महज 427 करोड़ रुपये का रहा था। 2023 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार में 1.71 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी को लेकर जो अनिश्चितता का माहौल बना है, उसकी वजह से वैश्विक स्तर पर निवेशकों की रिस्क कैपेसिटी काफी प्रभावित हुई है। यही कारण है कि ज्यादातर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों को लेकर सतर्क दृष्टिकोण अपना रहे हैं। इसी वजह से भारतीय बाजार में लगातार बिक्री करके वे अपना पैसा सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। श्रीकांत चौहान का यह भी कहना है कि एफपीआई द्वारा भारतीय शेयर बाजार से की जा रही निकासी की एक बड़ी वजह अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में आई तेजी और डॉलर की मजबूती भी है। इसकी वजह से अमेरिकी असेट्स पहले की तुलना में अधिक आकर्षक हो गए हैं, जिसके कारण एफपीआई भारतीय बाजार से अपना पैसा निकाल कर अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं।
साभार – हिस

Share this news

By desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *