नई दिल्ली। पीएम गतिशक्ति पहल के तहत नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) ने सड़क और हवाई अड्डे सहित 5 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया है। एनपीजी ने बैठक में मेट्रो, आरआरटीएस, सड़क और हवाई अड्डा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया है। एनपीजी की 87वीं बैठक में एक मेट्रो, एक आरआरटीएस, 2 सड़कों और एक हवाई अड्डा का मूल्यांकन किया गया है।
मंत्रालय के मुताबिक यह पांच परियोजनाएं एकीकृत मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक और सामाजिक नोड्स के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी और इंटरमॉडल समन्वय के पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों के अनुरूप हैं। इन पहलों से रसद दक्षता को बढ़ावा मिलने, यात्रा के समय को कम करने और क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है।
ये हैं परियोजनाएं
दिल्ली–पानीपत–करनाल नमो भारत परियोजना (आरआरटीएस कॉरिडोर) :- यह परियोजना, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। यह दिल्ली में सराय काले खां और हरियाणा में करनाल के बीच लगभग 136.30 किलोमीटर तक फैली एक ग्रीनफील्ड पहल है। इस गलियारे को 90 किमी प्रति घंटे की औसत गति से संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो परिवहन के मौजूदा साधनों की तुलना में काफी तेज़ पारगमन विकल्प प्रदान करेगा। इस परियोजना से यात्रा का समय मौजूदा 3.5-4 घंटे से घटकर लगभग 90 मिनट रह जाने की उम्मीद है, जिससे दिल्ली और हरियाणा के प्रमुख केंद्रों के बीच संपर्क बेहतर होगा।
पुणे मेट्रो लाइन 4:- खराड़ी-खडकवासला, नाल स्टॉप-वारजे-माणिक बाग की स्पर लाइन के साथ- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित है और महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित की गई है। यह परियोजना लगभग 31.64 किमी तक फैली हुई है। वर्तमान डीपीआर चरण के एकीकृत डिजाइन में परिचालन और प्रस्तावित मेट्रो लाइनों के साथ-साथ फीडर मार्गों के साथ इंटरचेंज शामिल हैं। इससे सभी तरह की सवारियों को बढ़ावा मिलने और निर्बाध मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी की सुविधा मिलने की उम्मीद है।
महबूबनगर आर्थिक गलियारा:- “एनएच-167 के गुडेबेलूर-मरीकल-हसनपुर/पोटुलामदुगु खंड के चार लेन का विकास” सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत एक ब्राउनफील्ड राजमार्ग परियोजना है। इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा क्रियान्वित किया गया है। तेलंगाना के नारायणपेट और महबूबनगर जिलों में स्थित इस परियोजना का उद्देश्य मौजूदा एनएच-167 कॉरिडोर को अपग्रेड करना और पुनर्संरेखित करना है। इसमें 90.37 किलोमीटर की डिज़ाइन लंबाई पर चार लेन की संरचना में प्रमुख शहरों के आसपास के बाईपास शामिल हैं। हैदराबाद-पणजी आर्थिक गलियारे के एक प्रमुख घटक के रूप में यह पहल हैदराबाद और रायचूर के बीच अंतर-राज्यीय संपर्क में भी सुधार करेगी।
मुंगियाकामी-चंपकनगर (एनएच-08 कॉरिडोर) :- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित तथा राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना एवं विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) द्वारा कार्यान्वित इस परियोजना का उद्देश्य त्रिपुरा में मुंगियाकामी से चंपकनगर तक मौजूदा एनएच-08 कॉरिडोर को बेहतर बनाना और चौड़ा करना है। डिजाइन के अनुसार 25.45 किलोमीटर की लंबाई को कवर करते हुए, इस परियोजना में मौजूदा सड़क को चार लेन के राजमार्ग में अपग्रेड करना शामिल है। इसमें निर्मित क्षेत्रों में भीड़भाड़ कम करने के लिए आवश्यक बाईपास और पुनर्संरेखण शामिल हैं। इस परियोजना से पश्चिम त्रिपुरा और खोवाई जिलों में कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद है, जिससे प्रमुख आर्थिक और सामाजिक नोड्स एकीकृत होंगे और क्षेत्रीय अंतर-राज्यीय कनेक्टिविटी का समर्थन होगा।
महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम का विकास (चरण-II) :- महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, अयोध्या के दूसरे चरण के विस्तार का उद्देश्य इस क्षेत्र में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करना है। मौजूदा टर्मिनल में व्यस्त समय के दौरान 674 यात्रियों की क्षमता है और सालाना 1 मिलियन यात्रियों की क्षमता है। यहां यात्री यातायात में होने वाली संभावित वृद्धि को देखते हुए एक नया एकीकृत टर्मिनल भवन बनाया जाएगा। नए टर्मिनल को 2046-47 तक व्यस्त समय में 4,000 यात्रियों को संभालने और सालाना 6 मिलियन यात्रियों को समायोजित करने के लिए डिजाइन किया जाएगा। इस परियोजना में रनवे को मजबूत करना और विस्तारित करना, अतिरिक्त पार्किंग बे, एक बहु-स्तरीय कार पार्क, फायर स्टेशन, एटीसी टॉवर और शहर की ओर से बेहतर पहुंच का निर्माण करना भी शामिल है।
साभार – हिस