नई दिल्ली। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने नई दिल्ली में ब्रिटिश समकक्षों के साथ दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की, जिसमें हरित हाइड्रोजन उत्पादन और विनियमन के मानकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया। ग्रीन हाइड्रोजन पर कार्यशाला का उद्देश्य भारत-ब्रिटेन सहयोग को मजबूत करना है।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि ब्रिटिश मानक संस्थान (बीएसआई) और यूके के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के साथ साझेदारी में आयोजित यह पहल उभरती हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को संरेखित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्रालय ने कहा कि कार्यशाला के दौरान ब्रिटिश मानक संस्थान में ऊर्जा क्षेत्र प्रमुख एबे डोरियन ने कहा कि यह एक सतत हाइड्रोजन बाजार के निर्माण में ज्ञान के आदान-प्रदान, मानकीकरण और नवाचार के महत्व का प्रमाण है। उन्होंने कहा, “भारत और यूनाइटेड किंगडम की ग्रीन हाइड्रोजन में अग्रणी बनने की साझा महत्वाकांक्षा है, जो नेट जीरो भविष्य के लक्ष्य को समर्थन करता है।”
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत भारतीय मानक ब्यूरो के प्रयासों को भी मजबूत करता है। इसने मानकों में कमियों की पहचान करने, नए क्षेत्रों की खोज करने और विशेषज्ञों से जुड़ने में मदद की। वैश्विक सर्वोत्तम विधियों से प्राप्त अंतर्दृष्टि भारत के प्रमाणन, परीक्षण और मानकीकरण को बढ़ाएगी, जिससे एक सतत और प्रतिस्पर्धी हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को सहयोग मिलेगा।
इस कार्यक्रम में भारत और यूनाइटेड किंगडम के नीति निर्माताओं, तकनीकी विशेषज्ञों और विशिष्ट उद्योगपतियों ने गहन विचार-विमर्श किया। इसके साथ ही उन्होंने हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भारत और यूनाइटेड किंगडम के साझा दृष्टिकोण को रेखांकित किया। इस कार्यशाला का उद्घाटन राजीव शर्मा, उप महानिदेशक (मानकीकरण-I), भारतीय मानक ब्यूरो, लॉरा एलेट, जलवायु और ऊर्जा प्रमुख (ब्रिटिश उच्चायोग) और एबे डोरियन, ऊर्जा क्षेत्र प्रमुख, भारतीय मानक ब्यूरो ने किया।
साभार – हिस
Check Also
उतार-चढ़ाव के बीच लाल निशान में बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़के
नई दिल्ली। मंगलवार की जोरदार तेजी के बाद आज घरेलू शेयर बाजार में दबाव के …