नई दिल्ली। जनवरी के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अभी तक लगातार बिकवाल (सेलर) की भूमिका में बने हुए हैं। एफपीआई ने इस महीने अभी तक घरेलू शेयर बाजार से 44,396 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। इसके पहले दिसंबर के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने स्टॉक मार्केट में 15,446 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।
डिपॉजिटरी की आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी से 17 जनवरी के बीच सिर्फ 2 जनवरी के दिन एफपीआई लिवाली यानी बायर की भूमिका में नजर आए। इसके बाद इस महीने के हर कारोबारी दिन ये लगातार बिकवाल बने रहे। खुराना सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा घरेलू शेयर बाजार में इस महीने लगातार बिकवाली करने के पीछे डॉलर इंडेक्स में आई तेजी और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में हुई बढ़ोतरी को मुख्य वजह माना जा सकता है। डॉलर इंडेक्स फिलहाल 109 के स्तर से ऊपर पहुंचा हुआ है। इसी तरह 10 साल के अमेरिकी बांड पर यील्ड 4.6 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक दुनिया भर के उभरते बाजारों में बिकवाली करके अपना पैसा निकालने में लगे हुए हैं। विशेष रूप से भारत जैसे उभरते हुए महंगे बाजार से पैसा निकालना एफपीआई को ज्यादा तर्कसंगत लग रहा है।
इसी तरह कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ राजीव दत्ता का कहना है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये की कीमत में लगातार आई गिरावट की वजह से भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर बिकवाली करने का दबाव बन गया है। यही वजह है कि एफपीआई लगातार भारतीय बाजार से अपना पैसा निकालने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही घरेलू शेयर बाजार का हाई वैल्यूएशन, इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार को लेकर बनी अनिश्चितता और कमजोर तिमाही नतीजों की आशंका की वजह से भी विदेशी निवेशक प्रभावित हुए हैं। इन वजहों से भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बाजार से लगातार अपने पैसे की निकासी कर रहे हैं।
राजीव दत्ता का कहना है कि इन कारकों के अलावा एक बड़ी वजह अमेरिका में बॉन्ड यील्ड का आकर्षक बना रहना भी है। अमेरिका में बॉन्ड यील्ड के आकर्षक होने की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक डेट और बॉन्ड मार्केट में भी बिकवाली करके पैसे की निकासी कर रहे हैं। एफपीआई द्वारा अभी तक बॉन्ड मार्केट में जनरल लिमिट के तहत 4,848 करोड़ रुपये की और वॉलंटरी रिटेंशन रूट के जरिए 6,176 करोड़ रुपये की निकासी की जा चुकी है।
साभार -हिस
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