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भारत बनेगा विश्व की अक्षय ऊर्जा राजधानी : प्रल्हाद जोशी

  • कहा, देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता अप्रैल-नवंबर में दोगुनी होकर 15 गीगावाट हुई

नई दिल्ली। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत न केवल ऊर्जा क्रांति का साक्षी बन रहा है, बल्कि दुनिया की अक्षय ऊर्जा राजधानी भी बन रहा है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-नवंबर अवधि में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता सालाना आधार पर लगभग दोगुना होकर 15 गीगावाट हो गई है। यह 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने नई दिल्‍ली में 5वें भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन एवं प्रदर्शनी (आईईसीई) को संबोधित करते हुए कहा, “भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में जो कुछ कर रहा है, उस पर न केवल दुनिया की निगाह है, बल्कि कई देशों ने इसे अपनाया भी है।” उन्होंने भारत की पहल के तहत वैश्विक सहयोग के लिए एक औपचारिक व्यवस्था के रूप में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की भूमिका पर प्रकाश डाला, जिस पर 120 देश हस्ताक्षरकर्ता हैं।
इस अवसर पर उन्‍होंने ऊर्जा संक्रमण निवेश मॉनिटर पर सीआईआई-ईवाई रिपोर्ट का दूसरा संस्करण भी लॉन्च किया। ये व्यापक रिपोर्ट भारत के गतिशील ऊर्जा परिदृश्य में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय ऊर्जा परिवर्तन पर वैश्विक संवाद, विकसित हो रहे वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।
साभार -हिस

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